यमन की जेल में बंद केरल की नर्स निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जेंसी याचिका दाखिल की गई है. याचिका में अदालत से अपील की गई है कि वह केंद्र सरकार को मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने का निर्देश दे, ताकि फांसी को रोका जा सके.याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दी जानी है और अगर केंद्र सरकार राजनयिक स्तर पर दखल दे तो इस मामले में समाधान निकल सकता है. कोर्ट ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए कहा कि मामले की सुनवाई शुक्रवार (11 जुलाई) को की जाएगी.2011 में केरल से यमन गई थीं निमिषानिमिषा प्रिया साल 2011 में केरल के पलक्कड़ से नर्स की नौकरी के लिए यमन की राजधानी सना पहुंची थीं. शुरुआत में वह अपने पति और बेटी के साथ यमन गई थीं, लेकिन 2014 में उनका परिवार भारत लौट आया. उसी साल यमन की राजधानी सना पर हूती विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया और देश में गृहयुद्ध भड़क उठा. हालात बिगड़ने की वजह से न तो निमिषा भारत लौट सकीं और न ही उनका परिवार दोबारा यमन जा सका. निमिषा और उनके साझेदार तलाल के बीच बिगड़ा रिश्तायमन में कई अस्पतालों में नर्स के तौर पर काम करने के बाद निमिषा प्रिया ने वहां अपना खुद का क्लीनिक शुरू किया. इस क्लीनिक में उनके साझीदार यमन के नागरिक तलाल महदी थे. शुरू में सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन कुछ ही समय में निमिषा और तलाल के बीच मतभेद और तनाव बढ़ने लगा. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि तलाल ने निमिषा के साथ मारपीट और शारीरिक शोषण करना शुरू कर दिया.इसके बाद, 2016 में निमिषा प्रिया ने तलाल के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने मारपीट और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए. शिकायत के आधार पर यमनी पुलिस ने तलाल को गिरफ्तार कर लिया.खबर में अपडेट जारी है...