धार्मिक मान्यता के अनुसार त्रेता युग में इसी जगह पर गुरु वशिष्ठ ने प्रभु राम लक्ष्मण भारत और शत्रुघ्न को विद्या दी थी. आज यह कुंड अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक आस्था का केंद्र बनकर उभर रहा है.