कॉर्पोरेट जीवन की तेज़ रफ्तार, मल्टीटास्किंग और बढ़ती डेडलाइन्स के कारण कर्मचारी मानसिक और शारीरिक थकावट से जूझ रहे हैं। क्रॉनिक स्ट्रेस से न केवल सेहत, बल्कि कार्यक्षमता और संतुष्टि भी प्रभावित होती है। ऐसे में तनाव प्रबंधन और बेहतर कार्य संतुलन अत्यंत आवश्यक हो गया है।