क्या भारत के पूर्व CJI को भी मिलता है सरकारी आवास, कौन-कौन सी मिलती हैं सुविधाएं? जान लीजिए नियम

Wait 5 sec.

पूर्व जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ अपने सरकारी बंगले को खाली करने को लेकर इस वक्त सुर्खियों में बने हुए हैं. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में आग्रह किया गया है कि सरकार पूर्व सीजेआई से उनका पुराना आवास खाली कराए. भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को सेनानिवृत्त हो चुके हैं. इस बंगले को खाली करने पर पूर्व सीजेआई का कहना है कि उनके पुराने बंगले का अभी रेनोवेशन चल रहा है, जैसे ही रेनोवेशन का काम खत्म हो जाएगा, वैसे ही वे उसमें परिवार समेत चले जाएंगे. चलिए इसी बीच जान लेते हैं कि क्या पूर्व सीजेआई को भी सरकारी आवास मिलता है और उनको क्या सुविधाएं मिलती हैं.पूर्व सीजेआई के मामले में क्यों है विवादजस्टिस चंद्रचूड़ नवंबर 2022 और नवंबर 2024 के बीच देश के 50वें सीजेआई रहे हैं. रिटायर होने के बाद भी वे करीब आठ महीने से अपने उसी पुराने सरकारी आवास में रह रहे हैं. रिटायर्ड जस्टिस ने पिछले साल 18 दिसंबर को तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना से 30 अप्रैल 2025 तक 5-कृष्ण मेनन मार्ग स्थित आवास में रहने के लिए अनुमति मांगी थी. उनका कहना था कि साल 2022 के नियमों के अनुसार तुगलक रोड पर उनको 14 नंबर का बंगला आवंटित हुआ है, लेकिन इसमें अभी रेनोवेशन का काम चल रहा है. इसको लेकर तत्कालीन सीजेआई ने उनको बंगले में रहने की इजाजत दे दी थी. तब दिसंबर से अप्रैल तक उनको 5000 रुपये प्रति माह में उस बंगले में रहने की मंजूरी दी थी. लेकिन कहा था कि इसके आगे कोई विस्तार नहीं किया जाएगा, लेकिन अभी तक उन्होंने वो आवास खाली नहीं किया है.पूर्व सीजेआई को क्या सुविधाएं मिलती हैं?सरकारी नियमों के अनुसार सेवानिवृत्ति के बाद पूर्व सीजेआई छह महीने तक के लिए टाइप VII सरकारी बंगले में किराए के बिना रह सकते हैं.अगले पांच साल तक के लिए उनको प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड मिलता है और उनके घर के बाहर एक साल तक 24 घंटे तक सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहता है.रिटायर सीजेआई को पेंशन के तौर पर हर महीने 70 हजार रुपये मिलते हैं. इसके अलावा उनको जीवनभर के लिए ड्राइवर और नौकर दिया जाता है.रिटायरमेंट के दिन से एक साल तक सचिवालय की सहायता मिलती है. उनके साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जजों को एयरपोर्ट पर औपचारिक लाउंज में अभिवादन का भी प्रोटोकॉल मिलता है.यह भी पढ़ें: बंद हो गई ब्रिटेन की शाही ट्रेन, कैसा था इसका इंटीरियर और हर साल कितना होता था खर्च; सब कुछ जानिए