जनरल चौहान ने कहा कि भारत जैसे विविधता भरे देश में सामाजिक और आंतरिक सुरक्षा को हल्के में नहीं लिया जा सकता. उन्होंने कहा, "हमारा देश बहुभाषी, बहुधार्मिक और बहुजातीय है, ऐसे में सामाजिक एकता को बनाए रखना बेहद जरूरी है. सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था में आंतरिक सुरक्षा को भी अहम स्थान मिलना चाहिए."