पाकिस्तान की सियासत में इन दिनों जबरदस्त हलचल है। चर्चाएं जोरों पर हैं कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को जल्द ही पद छोड़ने के लिए कहा जा सकता है और उनके स्थान पर शक्तिशाली सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर देश के नए राष्ट्रपति बन सकते हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान में मौजूदा संसदीय प्रणाली को बदलकर राष्ट्रपति प्रणाली लागू किए जाने की भी तैयारी बताई जा रही है। सत्ता परिवर्तन का खेल पाक आर्मी के समर्थन से हो रहा है। पाक आर्मी चीफ फील्ड मार्शल असीम मुनीर पाकिस्तान की सत्ता संरचना में सबसे ताकतवर पद पर आसीन हैं। वे सत्ता पर अपनी पकड़ को और मजबूत करते जा रहे है। हाल ही में उन्हें फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया है। इस पद के साथ असीम मुनीर को आजीवन सैन्य विशेषाधिकार, कानूनी प्रतिरक्षा और असंवैधानिक हस्तक्षेपों से सुरक्षा प्राप्त हो जाती है। PM शहबाज शरीफ विरोध कर रहे आर्मी चीफ मुनीर और जरदारी के बीच बढ़ने समीकरणों के लेकर के पूर्व PM नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PMLN) ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनकी पार्टी PMLN इस संभावित बदलाव का विरोध कर रहे हैं। उन्हें डर है कि यदि राष्ट्रपति प्रणाली आई तो न केवल शहबाज की प्रधानमंत्री पद से छुट्टी होगी, बल्कि पाकिस्तान की सियासत में PMLN और शरीफ परिवार की प्रासंगिकता भी खत्म हो जाएगी। खबर है कि इसलिए PMLN पाकिस्तानी आर्मी के विभिन्न धड़ों से संपर्क में हैं, ताकि बिलावल के उदय को रोका जा सके। बिलावल को PM बनाने की मांग PPP में तेज पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के नेता आसिफ अली जरदारी के इस्तीफे की चर्चा उनकी गिरती सेहत के आधार पर हो रही है। रिपोर्टों के अनुसार, जरदारी ने यह शर्त रखी है कि अगर बिलावल भुट्टो जरदारी को कोई ऐसा बड़ा पद मिले जहां वह एक परिपक्व नेता के रूप में उभर सकें, तो वह इस्तीफा दे सकते हैं। PPP ने बिलावल भुट्टो के लिए PM का पद मांगा है। हालांकि, खुद PPP के अंदर बिलावल की भूमिका को लेकर मतभेद हैं। संविधान संशोधन कर सकते हैं आर्मी चीफ मुनीर आर्मी चीफ मुनीर का दखल पाकिस्तानी संसद, न्यायपालिका और विदेश नीति पर भी देखा जा रहा है। उनकी वॉशिंगटन, रियाद और बीजिंग जैसी जगहों पर उनकी हाई-प्रोफाइल कूटनीतिक यात्राएं इस बात का प्रमाण हैं कि वे पाकिस्तान के ‘स्थायित्व दूत’ के रूप में देखे जाते हैं। विश्लेषकों का मानना है कि असीम मुनीर राष्ट्रपति बनकर सिर्फ प्रतीकात्मक पद पर नहीं रहना चाहते, बल्कि पाकिस्तान की पूरी राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव लाना चाहते हैं। यह प्रयास जनरल जिया-उल-हक के 1977 के तख्तापलट की वर्षगांठ के समय सामने आया है, जिससे इसे एक ‘सॉफ्ट कू’ के रूप में देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि संसद, न्यायपालिका और मीडिया पर असीम मुनीर का पूर्ण नियंत्रण है और इसलिए संविधान में बदलाव कर राष्ट्रपति प्रणाली लागू करने में उन्हें कोई खास मुश्किल नहीं होगी। पहले भी 3 सेना प्रमुख राष्ट्रपति बने पाकिस्तान में इससे पहले 3 सेना प्रमुख ऐसे रहे हैं जो बाद में देश के राष्ट्रपति बने। हालांकि, तीनों ही तख्तापलट करने के बाद ही राष्ट्रपति पद पर पहुंचे थे। पाकिस्तान में आज तक कोई भी प्रधानमंत्री 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। पाकिस्तान से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें.... पाकिस्तान में पालतू शेर के हमले में महिला-बच्चे घायल:पुलिस ने मालिक को गिरफ्तार किया, बिना लाइसेंस के शेर पाल रहा था पाकिस्तान के लाहौर शहर में एक पालतू शेर के मालिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शेर ने एक महिला और उनके 2 छोटे बच्चों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था। पूरी खबर यहां पढ़ें