संघ की अखिल भारतीय स्तर की प्रांत प्रचारक बैठक दिल्ली में संपन्न हो गई है. इस बैठक के बाद आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि मुख्य रूप से तीन बातों पर चर्चा हुई है. बैठक के बाद उन्होंने कहा कि विद्यार्थी, किसान और अलग-अलग क्षेत्रों में शामिल लोगों ने प्रशिक्षण लिया.संघ के शताब्दी साल को लेकर सुनील आंबेकर ने कहा कि हिंदू सम्मेलन मंडल और बस्ती में सम्मेलन होंगे. 58,965 मंडलों समेत 1,03,019 कुल जगहों पर हिंदू सम्मेलन होंगे. 11 हजार से ज्यादा जगहों पर सामाजिक सदभाव बैठकें होंगी.संघ के कार्य विस्तार पर चर्चासुनील आंबेकर ने कहा कि बैठक में संघ के कार्य विस्तार पर चर्चा हुई है और शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों को लेकर बात हुई. सुनील आंबेकर ने कहा कि देशभर के प्रचारकों ने अपने अपने प्रांतों में चल रहे कामों की जानकारी दी. मणिपुर में चल रहे प्रयासों को लेकर भी जानकारी दी गई है. मैतेई और कुकी समुदाय के साथ बातचीत हो रही है और बातचीत में सकारात्मक बातें सामने आ रही हैं. अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख ने कहा कि देश के सीमावर्ती प्रांतों से भी लोग आए, वहां को लेकर भी किस तरह से संघ का कार्य हो रहा है और वेलफेयर के काम किस तरह हो रहे हैं, उसको लेकर चर्चा हुई. देश की सुरक्षा को लेकर भी चर्चा हुई है. उसको लेकर किस तरह से प्रयास किया जा रहा है, इसपर भी बात हुई.संघ शिक्षा वर्ग में 17,609 स्वयंसेवकों को मिला प्रशिक्षणउन्होंने कहा कि देशभर में अप्रैल, मई और जून में संघ कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण शिविर हुए. इस दौरान 100 वर्ग लगाए गए हैं. 40 साल के नीचे की आयु के 75 वर्ग हुए. इस दौरान संघ शिक्षा वर्ग में 17,609 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण लिया. नागपुर में होने वाला विकास वर्ग द्वितीय वर्ग भी शामिल है. इसमें 8,812 जगहों से शिक्षार्थी आए. सुनील आंबेकर ने कहा कि हिंदू समाज में जागरण और सामाजिक बुराइयों को लेकर चर्चा होगी और घर-घर जाने का अभियान भी होगा. संघ दृष्टि से 924 जिलों में प्रमुख नागरिक गोष्ठी भी होगी. शताब्दी वर्ष का उद्देश्य हर व्यक्ति तक पहुंचना और हर प्रकार, हर विचारधारा के लोगों के पास पहुंचने का है.ये भी पढ़ें:- मराठी भाषा विवाद पर आरएसएस का बड़ा बयान, सुनील आंबेकर बोले- 'सभी लोग पहले से...'