ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार भारतीय सेना के शीर्ष कमांडर्स संग बैठक करेंगे NSA अजित डोभाल

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार भारतीय सेना के सभी टॉप मिलिट्री कमांडर्स को एनएसए अजीत डोभाल संबोधित करने जा रहे हैं. राजधानी दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय (7-9 जुलाई) विशेष कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के नेतृत्व में सभी टॉप कमांडर्स एकत्रित हुए हैं. मंगलवार (08 जुलाई, 2025) को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे.ऑपरेशनल तैयारियों की होगी समीक्षाइस सम्मेलन के बारे में हालांकि, फिलहाल कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है, लेकिन माना जा रहा है कि इन तीन दिनों के भीतर सेना की ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की जाएगी. साथ ही वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के प्रमोशन संबंधित मामलों पर भी चर्चा की जाएगी.सम्मेलन में थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के अलावा वाइस चीफ, तीनों डिप्टी चीफ, सभी सात कमानों की कमांडर्स और सेना मुख्यालय में तैनात प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर (पीएसओ) हिस्सा ले रहे हैं, लेकिन सभी की निगाहें मंगलवार को एनएसए के संबोधन पर टिकी हैं.थलसेना ने तबाह किया था आतंकी ठिकानाऑपरेशन सिंदूर (6-10 मई) के दौरान थलसेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के टेरर लॉन्च पैंड्स को तबाह किया था. ऑपरेशन के दौरान जिन 9 आतंकी कैंप को निशाना बनाया गया था, उसमें से छह को बर्बाद करने की जिम्मेदारी थलसेना की थी.आतंकी कैंप को तबाह करने के अलावा, थलसेना ने पाकिस्तान से सटी पूरी पश्चिमी सीमा पर ड्रोन अटैक का भी सफलतापूर्वक मुकाबला किया था. थलसेना ने बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) और वायुसेना के साथ मिलकर पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल अटैक को पूरी तरह विफल कर दिया था.दिल्ली में पहली बार एक साथ मिल रहे रक्षा अधिकारीऑपरेशन सिंदूर के दौरान थलसेना प्रमुख, वाइस चीफ और डीजीएमओ अगर वॉर-रूम से पूरी कार्रवाई को लाइव देख रहे थे तो पश्चिमी सीमा पर तैनात कमान के चार कमांडर वर्चूयली जुड़े हुए थे, लेकिन पहली बार सभी राजधानी दिल्ली में एक साथ एकत्रित हुए हैं.ये सम्मेलन इस मायने में भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सेना और सरकार ने साफ कर दिया है कि भले ही पाकिस्तान के साथ सैन्य टकराव पर विराम लग गया है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर जारी है. अगर पाकिस्तान की तरफ से फिर पहलगाम हमले जैसी कोई घटना करने की जुर्रत हुई तो उसे सीधा युद्ध माना जाएगा, यानी ऑपरेशन सिंदूर जारी है.ये भी पढ़ें:- मराठी भाषा विवाद पर आरएसएस का बड़ा बयान, सुनील आंबेकर बोले- 'सभी लोग पहले से...'