हॉस्पिटल से कोई मरीज भाग जाए तो कौन सा कोड होता है एक्टिव? जान लीजिए जवाब

Wait 5 sec.

अगर लोग हॉस्पिटल में हों और वहां पर किसी तरह की कोई घटना घट जाए तो इसका कैसे पता चलेगा? आप सोच रहे होंगे कि अस्पताल के फायर सेफ्टी अलार्म बजने लगेंगे और सभी लोग सचेत हो जाएंगे. ये बात तो ठीक है, लेकिन इससे पैनिक सिचुएशन क्रिएट हो सकती है, जिससे वहां पर भर्ती मरीजों पर भी इसका असर हो सकता है. ऐसे में सवाल उठता है कि बिना पैनिक सिचुएशन क्रिएट किए अस्पताल में ऐसी परिस्थितियों से कैसे निपटा जाता है. चलिए इस सवाल का जवाब जानते हैं.रंगों के हिसाब से होते हैं कोडअस्पतालों में ऐसी अलग-अलग घटनाओं के लिए अलग तरह के कोड होते हैं. इसकी जानकारी सभी हॉस्पिटल के कर्मचारियों और डॉक्टरों को होती है. ये कोड अलग-अलग रंगों के हिसाब से होते हैं, जो कि कई घटनाओं द्वारा जारी किए जाते हैं. आज हम आपको इन्हीं कोड्स के बारे में बताते हैं, इसका इस्तेमाल अस्पताल के कर्मचारियों के द्वारा किया जाता है. अस्पतालों में तरह-तरह के 10 कोड होते हैं. ये सभी हॉस्पिटल के इमरजेंसी कोड होते हैं. इनको समय-समय पर जारी किया जाता है. अस्पताल से भागे मरीज के लिए कोडअस्पताल से अगर कोई मरीज भाग जाता है तो इसके लिए कोड व्हाइट या मिसिंग पेशेंट कोड एक्टिव होता है. इसका मतलब होता है कि अस्पताल के कर्मचारियों को तुरंत उस मरीज की तलाश शुरू की जानी चाहिए और उसकी सुरक्षा सुनिश्चिचत करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए. चलिए बाकी के कोड के बारे में जानते हैं. कोड रेड: आग लगनाकोड ब्लू: कार्डियक अरेस्ट या सांस लेने में समस्याकोड पिंक: छोटे बच्चे का अपहरणकोड ब्लैक: बम की धमकी मिलनाकोड ग्रे: अराजकता या भागने की स्थितिकोड पर्पल: बंधक स्थितिकोड ऑरेंज: खतरनाक सामग्री का रिसाव होनायह भी पढ़ें: भारत में किसे है नागरिकता देने या चेक करने का अधिकार, जानिए क्या कहता है नियम