बांग्लादेश की 'मुक्ति' से गढ़ा झारखंड का इतिहास, शिबू सोरेन की 'बागी सियासत' के किस्से!

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शिबू सोरेन खालिस बागी आदिवासी थे. तब सूदखोरी, महाजनी प्रथा से आदिवासी त्रस्त थे. ऐसी घड़ी में शिबू सोरेन ने उलगुलान की आवाज बुलंद की और आदिवासियों के नायक बन गए. फिर धनकटनी प्रथा से शुरू हुआ गुरुजी का आंदोलन झारखंड के अलग राजनीतिक वजूद के सवाल पर आ गया. 81 साल की जिंदगी में शिबू सोरेन ने अपनी जिंदगी में क्रांति की कई कहानियां दर्ज की हैं.