अमेरिका के जाने माने गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. जोसेफ सलहाब ने चेतावनी दी है कि 1990 में जन्मे लोगों में कोलोन कैंसर का खतरा 1950 में जन्मे लोगों की तुलना में दोगुना हो गया है। यह सुनकर हैरानी होती है, क्योंकि पहले यह बीमारी 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में ज्यादा देखी जाती थी। आखिर क्या वजह है कि युवा भी अब इसका शिकार बन रहे हैं? विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, कोलोन कैंसर तीसरा सबसे कॉमन कैंसर है। दुनिया में कैसर से हो रही मौतों की दूसरी सबसे बड़ी वजह है। साल 2020 में 19 लाख से ज्यादा कोलोन कैंसर के नए केस दर्ज हुए थे। आज ‘फिजिकल हेल्थ’ में कोलोन कैंसर के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- कोलोन कैंसर क्या है? कोलोन कैंसर को कोलोरेक्टल कैंसर भी कहते हैं। यह बड़ी आंत यानी कोलोन में होने वाली एक गंभीर बीमारी है। कोलोन हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम का अहम हिस्सा है, जो खाने को पचाने के बाद बचे हुए हिस्से को मलाशय तक पहुंचाता है। यह कैंसर तब शुरू होता है, जब कोलोन की अंदरूनी परत में छोटी-छोटी गांठें बनने लगती हैं, जिन्हें पॉलिप्स कहते हैं। ये पॉलिप्स धीरे-धीरे कैंसर में बदल सकते हैं, खासकर अगर इन्हें समय पर डाइग्नोज नहीं किया गया है। कोलोन कैंसर के शुरुआती संकेत कोलोन कैंसर के शुरुआती लक्षण कभी-कभी मामूली बीमारियों जैसे लगते हैं। इसीलिए लोग इन्हें गंभीरता से नहीं लेते हैं। हालांकि, इन संकेतों को समझने से आपकी जिंदगी बच सकती है। डॉ. सलहाब ने 5 बड़े लक्षण बताए हैं, जिससे इसे शुरुआती दिनों में ही पहचाना जा सकता है: पॉटी में खून आ रहा है अगर टॉयलेट करते वक्त आपको पॉटी में खून दिखे या टॉयलेट पेपर पर लाल निशान दिखें तो सावधान हो जाएं। यह खून गहरा लाल या चटख लाल हो सकता है। यह बवासीर की वजह से भी हो सकता है, लेकिन बार-बार ऐसा हो तो डॉक्टर से कंसल्ट करें। पेट में दर्द है अगर आपके पेट में बार-बार दर्द हो रहा है या ऐंठन हो रही है और इसकी सही वजह नहीं मालूम है। अगर यह दर्द लंबे समय तक बना रहे या बहुत तेज हो तो इसे नजरअंदाज न करें। डॉक्टर से कंसल्ट करें। थकान नहीं जा रही है अगर खूब आराम करने के बाद भी आप थका हुआ महसूस करते हैं। युवा लोग इसे अक्सर काम का तनाव या नींद की कमी समझ लेते हैं, लेकिन यह कोलोन कैंसर का संकेत भी हो सकता है। पॉटी की आदतों में बदलाव हो रहा है अगर आपको अक्सर कब्ज या दस्त की शिकायत होती है। आपको पॉटी जाने की आदत में कोई बदलाव महसूस हो रहा है और यह हफ्तों तक बना रहता है तो यह चिंता की बात है। बिना वजह वजन कम हो रहा है अगर आप डाइटिंग नहीं कर रहे, फिर भी आपका वजन तेजी से कम हो रहा है या भूख कम लग रही है तो यह भी कोलोन कैंसर का लक्षण हो सकता है। युवाओं में कोलोन कैंसर क्यों बढ़ रहा है? पिछले कुछ सालों में 20 से 49 साल के लोगों में कोलोन कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। हर साल करीब 1.5% की दर से यह बढ़ोतरी हो रही है। डॉक्टरों को अभी इसका सटीक कारण नहीं पता, लेकिन कुछ चीजें इसकी वजह हो सकती हैं- इन कारणों को विस्तार से समझें- खराब लाइफस्टाइल: आजकल की जिंदगी में हम घंटों बैठे रहते हैं, एक्सरसाइज नहीं करते, और मोटापा बढ़ रहा है। ये सब कोलोन कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। खराब खानपान: ज्यादा लाल मांस, प्रोसेस्ड फूड जैसे सॉसेज, बर्गर और तला-भुना खाना भी इसका कारण हो सकता है। शराब और सिगरेट: धूम्रपान और ज्यादा शराब पीना भी इस बीमारी को न्योता देता है। फैमिली हिस्ट्री: अगर आपके माता-पिता या भाई-बहन को यह बीमारी रही हो, तो आपको भी खतरा हो सकता है। कोलोन कैंसर का इलाज डॉ. आदित्य सरीन कहते हैं कि कोलोन कैंसर का इलाज मुमकिन है, खासकर अगर इसे शुरुआती स्टेज में डाइग्नोज कर लिया जाए। इलाज के तरीके हैं- सर्जरी: कैंसर वाले हिस्से को ऑपरेशन से निकाला जाता है। कीमोथेरेपी: दवाओं से कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जाता है। रेडिएशन थेरेपी: खास किरणों से कैंसर को नष्ट करते हैं। हालांकि, इलाज से बेहतर बचाव होता है। इसलिए जानते हैं कि इससे कैसे बचा जाए- कोलोन कैंसर से बचाव के तरीके कोई भी बीमारी पूरी तरह से रोकी नहीं जा सकती, लेकिन कुछ सावधानियां आपके खतरे को कम कर सकती हैं- कोलोन कैंसर से जुड़े कॉमन सवाल और जवाब सवाल: क्या कोलोन कैंसर सिर्फ बुजुर्गों को होता है? जवाब: पहले कोलोन कैंसर को 50 साल से अधिक उम्र से जुड़ी बीमारी माना जाता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में दुनिया भर में कम उम्र के लोगों, यानी 20 से 40 वर्ष के बीच, में भी इसके मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी की रिपोर्ट के अनुसार, 1990 के दशक से युवा वयस्कों में कोलोन कैंसर की दरों में लगातार बढ़ोतरी हुई है। इसके पीछे लाइफस्टाइल फैक्टर्स जैसे मोटापा, फाइबर की कमी, प्रोसेस्ड फूड्स का अधिक सेवन, शारीरिक गतिविधियों की कमी और जेनेटिक म्यूटेशन कारण हो सकते हैं। इसलिए यह धारणा गलत है कि कोलोन कैंसर सिर्फ बुजुर्गों को होता है। सवाल: क्या इसका इलाज हो सकता है? जवाब: हां, कोलोन कैंसर का इलाज संभव है, खासकर अगर इसे शुरुआती चरणों में पकड़ लिया जाए। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, टारगेटेड थेरेपी, और इम्यूनोथेरेपी ने इलाज के नतीजों को और बेहतर बनाया है। सवाल: स्क्रीनिंग कब करवानी चाहिए? जवाब: अमेरिकन कैंसर सोसाइटी और अन्य संस्थाओं के मुताबिक, सामान्य जोखिम वाले लोगों को 45 वर्ष की उम्र से कोलोन कैंसर की स्क्रीनिंग शुरू कर देनी चाहिए। अगर परिवार में किसी करीबी यानी माता-पिता, भाई-बहन को कोलोन कैंसर रहा है, तो स्क्रीनिंग की शुरुआत उससे 10 साल पहले करनी चाहिए, जिस उम्र में उन्हें कैंसर हुआ था। अगर पिता को 50 की उम्र में हुआ था तो आपको 40 की उम्र में शुरू कर देनी चाहिए। स्क्रीनिंग के लिए प्रमुख टेस्ट हैं- .......................... ये खबर भी पढ़ें फिजिकल हेल्थ- प्रीमेच्योर डेथ का बड़ा कारण अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड:बर्गर, पिज्जा, फ्राइज से रहें दूर, नेचुरल फूड ही है सही खाना आजकल अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स हमारे रोजमर्रा के खानपान का बड़ा हिस्सा बनते जा रहे हैं। आसानी से उपलब्ध, आकर्षक पैकेजिंग और लाजवाब स्वाद के चलते ये फूड्स बच्चों से लेकर बड़ों तक की पसंद बन चुके हैं। पूरी खबर पढ़िए...