सक्सेस मंत्रा- जीवन में सबसे बड़ा शिक्षक है असफलता:सफल वही होते हैं, जो विफलता से भी सीख लें, ये 6 रणनीतियां आपके काम आएंगी

Wait 5 sec.

क्या आपने कभी सोचा कि कुछ लोग बार-बार गिरने के बाद भी कैसे उठ खड़े होते हैं और सफलता की ऊंचाइयों को छू लेते हैं? क्या है इसका रहस्य? सच तो यह है कि सफलता और विफलता जीवन के दो पहलू हैं, जो हर इंसान के सफर का हिस्सा हैं। लेकिन जो लोग विफलता को हार नहीं, बल्कि एक सबक मानते हैं, वही असली सफलता पाते हैं। आज 'सक्सेस मंत्रा' कॉलम में जानेंगे कि विफलता से कैसे सीखें। साथ ही जानेंगे कि- विफलता क्या है और यह क्यों जरूरी है? विफलता का मतलब है अपने लक्ष्य तक न पहुंच पाना। लेकिन यह कोई स्थायी हालत नहीं है। यह एक ऐसा पड़ाव है, जो हमें रुककर सोचने और सुधार करने का मौका देता है। मान लीजिए, आपने कोई परीक्षा दी और अच्छे नंबर नहीं आए। क्या यह हार है? नहीं, यह एक संकेत है कि आपकी तैयारी में कमी थी और अगली बार उसे सुधारकर आप बेहतर कर सकते हैं। सफल लोग विफलता को एक शिक्षक की तरह देखते हैं। मशहूर लेखक वॉल्टर ब्रूनेल ने लिखा है, 'विफलता सफलता की कुंजी है।' यह हमें बताती है कि हम कहां गलत हुए और आगे क्या करना चाहिए। विफलता से डरने की बजाय उससे सीखना ही असली समझदारी है। सफल लोग विफलता से कैसे सीखते हैं? सफल लोग विफलता को हताशा का कारण नहीं बनने देते। वे इसे एक मौका मानते हैं और कुछ खास तरीकों से इससे निपटते हैं। आइए जानें उनके तरीके- नकारात्मक परिणामों से डरें नहीं सफल लोग जानते हैं कि हर कोशिश में जीत नहीं मिलती। वे बुरे नतीजों का डटकर सामना करते हैं और उनसे सबक लेते हैं। विफलता को सीढ़ी बनाएं उनके लिए हर विफलता एक कदम है जो उन्हें सफलता के करीब ले जाता है। वे हार को दिल से नहीं लगाते, बल्कि उसका विश्लेषण करते हैं। सही दिशा में मेहनत करें मेहनत जरूरी है, लेकिन उसे सही रास्ते पर लगाना और भी जरूरी है। सफल लोग अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाते हैं। त्याग के लिए तैयार रहें सफलता के लिए कई बार अपनी छोटी-मोटी इच्छाओं को छोड़ना पड़ता है। वे इसे समझते हैं और जरूरत पड़ने पर त्याग करते हैं। संघर्ष को अपनाएं वे जानते हैं कि बिना मेहनत और मुश्किलों के कुछ हासिल नहीं होता। संघर्ष उनके लिए सफलता का रास्ता है। दृढ़ रहें बार-बार असफल होने पर भी वे हार नहीं मानते। वे कोशिश करते रहते हैं, जब तक सफलता न मिल जाए। उदाहरण के लिए, अगर कोई बिजनेस शुरू करते वक्त असफल हो जाए, तो सफल लोग यह देखते हैं कि क्या गलत हुआ, क्या योजना में कमी थी या मेहनत कम थी? फिर उसे ठीक करके दोबारा कोशिश करते हैं। विफलता के कारण और उनसे बचने के तरीके विफलता कई कारणों से हो सकती है, लेकिन इनसे बचा जा सकता है। आइए देखें कुछ आम कारण और उनके उपाय- लक्ष्य न होना या भूल जाना अपने लक्ष्य को हमेशा सामने रखें। उन्हें कागज पर लिखें और रोज देखें। लोगों का डर दूसरों की राय या सोच से न डरें। अपने फैसलों पर और अपनी काबिलियत पर भरोसा करें। अहंकार हमेशा विनम्र बने रहें। आपका अहंकार आपको गलतियों से सीखने से रोकता है। टीमवर्क की कमी सबकुछ अकेले करने की कोशिश न करें। दूसरों के साथ मिलकर काम करें। नकारात्मक सोच जीवन के प्रति सकारात्मक रहें। खुद को प्रेरित करने के लिए अच्छी किताबें पढ़ें या प्रेरक वीडियो देखें। इन उपायों को अपनाकर आप विफलता से बच सकते हैं और सफलता की राह पर आगे बढ़ सकते हैं। प्रसिद्ध हस्तियों से लें प्रेरणा कई बड़े लोग विफलता से गुजरे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनकी कहानियां हमें सिखाती हैं कि विफलता कोई अंत नहीं है। 1. बिल गेट्स: पढ़ाई अधूरी, लेकिन दुनिया के सबसे सफल उद्यमी बने। बिल गेट्स ने 1973 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया, लेकिन दो साल बाद पढ़ाई छोड़ दी ताकि वे अपने दोस्त पॉल एलन के साथ एक सॉफ्टवेयर कंपनी शुरू कर सकें। उनका पहला बिजनेस "ट्रैफ-ओ डेटा" असफल रहा, लेकिन इस असफलता ने उन्हें माइक्रोसॉफ्ट की ओर बढ़ने का रास्ता दिखाया। 1975 में स्थापित माइक्रोसॉफ्ट ने पर्सनल कंप्यूटर की दुनिया बदल दी। आज गेट्स को तकनीक, परोपकार और नवाचार के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। 2. अल्बर्ट आइंस्टीन: शुरुआत में मंद बुद्धि समझे गए, लेकिन बने विज्ञान के स्तंभ।आइंस्टीन चार साल की उम्र तक बोल नहीं पाए और सात साल की उम्र तक पढ़ना मुश्किल हो रहा था। शिक्षक उन्हें "धीमा" मानते थे और उन्होंने स्कूल छोड़ दिया था। लेकिन उन्होंने “थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी” जैसी खोजें कीं, जिसने आधुनिक भौतिकी को एक नई दिशा दी। 1921 में उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला। 3. वॉल्ट डिजनी: कई बार नाकामी का सामना किया, पर अंत में रचे जादुई संसार। डिजनी को एक अखबार की नौकरी से यह कहकर निकाला गया कि उनमें "कल्पना की कमी" है। उनका पहला स्टूडियो लॉफ-ओ-ग्राम भी दिवालिया हो गया। लेकिन हार मानने की बजाय, उन्होंने मिकी माउस बनाया और आगे चलकर डिजनीलैंड और वॉल्ट डिजनी स्टूडियोज की स्थापना की। आज उनकी कल्पना की दुनिया करोड़ों लोगों की मुस्कान का कारण है। 4. थॉमस एडीसन: 1,000 से ज्यादा प्रयोग फेल हुए, फिर भी दुनिया को रोशनी दी। एडीसन ने बल्ब बनाने से पहले 1,000 से अधिक असफल प्रयोग किए। उनसे पूछा गया कि वे बार-बार फेल क्यों हुए, तो उन्होंने कहा कि मैंने 1,000 तरीके खोजे जो काम नहीं करते। उनका यह नजरिया दुनिया भर के इनोवेटर्स के लिए प्रेरणा बन गया। एडीसन के नाम 1,000 से अधिक पेटेंट हैं। 5. रवींद्रनाथ टैगोर: औपचारिक शिक्षा में असफल, लेकिन साहित्य में अमर। टैगोर पारंपरिक स्कूलिंग में फिट नहीं बैठते थे और कई बार उन्हें स्कूल छोड़ना पड़ा। लेकिन उनके लेखन और सोच की उड़ान ने उन्हें 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिलाया। वे यह सम्मान पाने वाले पहले एशियाई बने। उनकी काव्य रचना "गीतांजलि" आज भी विश्व साहित्य में आदर के साथ पढ़ी जाती है। 6. विंस्टन चर्चिल: असफलताओं के बावजूद बने ब्रिटेन के महान नेता। चर्चिल को स्कूल में औसत से कम समझा जाता था और उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में कई चुनाव हारे। लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उनकी नेतृत्व क्षमता ने ब्रिटेन को नई दिशा दी। उन्हें 1953 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार भी मिला। 7. विंसेंट वैन गॉग: जीवनभर संघर्ष, पर मृत्यु के बाद अमर हुए। वैन गॉग ने अपने जीवन में लगभग 2,100 कलाकृतियां बनाईं लेकिन जिंदगी में सिर्फ एक पेंटिंग बेच पाए। मानसिक तनाव और आर्थिक तंगी से जूझते हुए उन्होंने आत्महत्या कर ली। आज उनकी पेंटिंग्स करोड़ों डॉलर में बिकती हैं और उन्हें आधुनिक कला का अग्रदूत माना जाता है। 8. स्टीवन स्पीलबर्ग: तीन बार फिल्म स्कूल से रिजेक्ट हुए, पर हॉलीवुड के जादूगर बने। स्पीलबर्ग को यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न कैलिफोर्निया की फिल्म स्कूल ने तीन बार अस्वीकार किया। लेकिन उन्होंने यूनिवर्सल स्यूडियोज में इंटर्नशिप की और वहीं से अपने करियर की शुरुआत की। जुरासिक पार्क, शिंडलर्स लिस्ट, ET, इंडियाना जोन्स जैसी फिल्में बनाकर उन्होंने सिनेमा का चेहरा बदल दिया। ये लोग हमें सिखाते हैं कि विफलता से डरने की नहीं, उससे सीखने की जरूरत है। विफलता है सफलता की पहली सीढ़ी सफलता का रास्ता आसान नहीं होता। यह विफलताओं, संघर्षों और सीख से भरा होता है। सफल लोग विफलता को एक मौका मानते हैं और उससे सीखकर आगे बढ़ते हैं। बुद्धिमान व्यक्ति के लिए विफलता भविष्य की सफलता की तैयारी करती है। अगली बार जब आप गिरें, तो हिम्मत न हारें। उठें, अपनी गलतियों को समझें और दोबारा कोशिश करें। याद रखें कि जो कोशिश करता है, वही जीतता है। .......................... ये खबर भी पढ़ें सक्सेस मंत्रा- क्या है सेल्फ डिसिप्लिन:सचिन तेंदुलकर और रतन टाटा इसकी मिसाल, 8 सरल तरीकों से इसे अपने जीवन में उतारें कुछ लोग अपने लक्ष्य बहुत आसानी से हासिल कर लेते हैं, जबकि दूसरे संघर्ष करते रहते हैं। क्या उनके पास कोई खास शक्ति होती है? इसका जवाब हां है, लेकिन यह शक्ति जादू नहीं, बल्कि आत्मानुशासन है। पूरी खबर पढ़िए...