नवरात्रि के पावन पर्व पर शक्ति की साधना और राम की शक्ति पूजा का वर्णन निराला की प्रसिद्ध कविता 'राम की शक्ति पूजा' के माध्यम से किया गया है. यह काव्य रामायण की कथा को आधुनिक संवेदनाओं से जोड़ता है और शक्ति की आंतरिक यात्रा को दर्शाता है.