मौसम विभाग के मुताबिक जून से सितंबर के बीच में मौसम से जुड़ी घटनाओं में 1520 लोगों की मौत हुई। इनमें बाढ़, बारिश, लैंडस्लाइड,फ्लैश फ्लड में 1500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। वहीं, 22 लोग ऐसे रहे जिनकी जान हीटवेव के कारण गई। मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 290 मौतें दर्ज की गईं। दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश रहा, जहां 201 मौतें हुई। 141 मौतों के साथ तीसरे नंबर पर हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर 139 मौतें, महाराष्ट्र 135 मौतें और पांचवे नंबर पर झारखंड 129 मौतें रहा। IMD चीफ मृत्युंजय महापात्रा के अनुसार देश के अधिकांश हिस्सों में पोस्ट मानसून (अक्टूबर से दिसंबर) के दौरान सामान्य से 15% ज्यादा बारिश होने की संभावना है, सिवाय उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ क्षेत्रों के, जहां बारिश सामान्य से कम या सामान्य रह सकती है। इसके अलावा, तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, केरल और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भी पोस्ट मानसून में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है। विभाग के मुताबिक, अधिक बारिश का कारण एक्टिव मानसून कंडीशन और पश्चिमी बदलाव हैं। इस साल मानसून में 18 कम दबाव सिस्टम और 69 सिस्टम दिन दर्ज किए गए, जबकि सामान्य में 13 सिस्टम और 55 दिन होते हैं। देशभर में बारिश का डेटा मैप में देखें... देश भर में बारिश से जुड़े अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाएं...