भारत और यूरोप के चार देशों (स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन) के समूह EFTA के बीच हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) बुधवार से लागू हो गया। यह भारत का इन चार विकसित यूरोपीय देशों के साथ पहला FTA है। समझौते की खास बात यह है कि इसमें पहली बार निवेश और रोजगार से जुड़ी बाध्यकारी प्रतिबद्धता शामिल है। यानी ये चारों देश अगले 15 साल में भारत में 100 अरब डॉलर (करीब 8.86 लाख करोड़ रुपए) निवेश करेंगे। इससे प्रत्यक्ष रूप से करीब 10 लाख नौकरियां पैदा होंगी। EFTA ने देश के 99.6 फीसदी निर्यात (92 फीसदी टैरिफ लाइनों) पर शुल्क छूट दी है। भारत ने भी 82.7 फीसदी टैरिफ लाइनों पर रियायतें दीं। हालांकि फार्मा, मेडिकल डिवाइसेज, प्रोसेस्ड फूड, डेयरी, सोया, कोल और कुछ कृषि उत्पादों जैसे संवेदनशील सेक्टर को इस समझौते में सुरक्षा दी गई है। गोल्ड पर कोई बदलाव नहीं होगा, क्योंकि भारत का 80% से ज्यादा EFTA से इंपोर्ट गोल्ड का ही होता है। आईटी, शिक्षा, बिजनेस सेवाएं और ऑडियो-विजुअल सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा। नर्सिंग, चार्टर्ड अकाउंटेंसी और आर्किटेक्चर जैसे क्षेत्रों में समझौते से भारतीय पेशेवरों को नए अवसर मिलेंगे। 7 पॉइंट्स, जिनका आप पर सीधा असर भारत 16 देशों से FTA साइन कर चुका भारत ने अब तक 16 देशों/ब्लॉक्स के साथ FTA साइन किए हैं। इनमें श्रीलंका, भूटान, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, कोरिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, यूके, मॉरीशस और आसियान शामिल हैं। 2014 के बाद भारत ने 5 FTA किए हैं- मॉरीशस, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, EFTA और यूके के साथ। इसके अलावा अमेरिका, ओमान, यूरोपीय यूनियन, पेरू, चिली, न्यूजीलैंड और इजराइल के साथ भी भारत मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहा है।ॉ ------------------------------- ये खबर भी पढ़ें... भारत बोला- अमेरिका से जल्द ट्रेड डील फाइनल करेंगे:दोनों देशों का मकसद फायदेमंद समझौता करना; ट्रम्प ने कुल 50% टैरिफ लगाया डोनाल्ड ट्रम्प के 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद पहली बार ट्रेड डील पर बातचीत के लिए आज (16 सितंबर, मंगलवार) अमेरिकी दल भारत पहुंचा। अमेरिकी टीम के साथ मीटिंग के बाद कॉमर्स मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा कि भारत और अमेरिका ने ट्रेड डील को जल्द से जल्द फाइनल करने के अपनी कोशिशें तेज करने का फैसला किया है। पूरी खबर पढ़ें...