पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में बुनियादी जरूरतों पर सब्सिडी कटौती का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों के 25 सैनिकों को बंधक बना लिया है। इन जवानों को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे सुरक्षा बल कोई सीधी कार्रवाई नहीं कर पा रहे। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि खुफिया एजेंसियां आंदोलन को तोड़ने के लिए गुप्त हमले करा रही हैं। सादे कपड़ों में आए अज्ञात लोग नेताओं को निशाना बनाते हैं और भीड़ में अफरातफरी फैलाते हैं। बंधक सैनिकों का वीडियो यहां देखिए... आंदोलन में 10 की मौत, 100 से ज्यादा घायल प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सिक्योरिटी फोर्सेज ने बुधवार को निहत्थे लोगों पर फायरिंग की। इसमें 8 लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हैं। चार दिन जारी इन प्रदर्शनों में अब तक 10 लोग मारे जा चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आज बाघ जिले के धीरकोट में 4 लोग मारे गए, मुजफ्फराबाद में 2 और मीरपुर में 2 मौतें हुईं। ये प्रदर्शन जम्मू-कश्मीर जॉइंट अवामी एक्शन कमेटी (JKJAAC) की अपील पर हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी सरकार पर मौलिक अधिकारों की अनदेखी और महंगाई कंट्रोल न कर पाने का आरोप लगा रहे हैं। लोगों का हुजूम आज PoK की राजधानी मुजफ्फराबाद की तरफ मार्च कर रहा है। इन्होंने सरकार के सामने 38 मांगें रखी हैं, जिनमें PoK विधानसभा की 12 रिजर्व सीटें खत्म करने की मांग शामिल है। सरकार के सामने 38 मांगें रखी हैं, जिनमें 3 प्रमुख हैं... प्रदर्शन से जुड़ी 5 तस्वीरें... PoK में 12 रिजर्व सीटें खत्म करने की मांग क्यों हो रही ये सीटें भारत के हिस्से वाले जम्मू-कश्मीर के शरणार्थियों या प्रवासियों के लिए आरक्षित हैं। ये लोग 1947, 1965, 1971 युद्ध या बाद के संघर्षों की वजह से भारत से PoK चले गए थे। आरक्षित सीटों के कारण स्थानीय आबादी का प्रतिनिधित्व कम हो जाता है। स्थानीय लोग चाहते हैं कि उनकी समस्याओं और जरूरतों के लिए अधिक विधायक चुने जाएं। JKJAAC का कहना है कि रिजर्व सीटें होने से कुछ ही परिवारों को फायदा मिल रहा है। आंदोलनकारी बोले- ये प्रदर्शन मौलिक अधिकार के लिए JKJAAC नेता शौकत नवाज मीर ने कहा- हमारी मुहिम 70 साल से इनकार किए गए मौलिक अधिकारों के लिए है... या तो हक दो, वरना लोगों का गुस्सा झेलो।" उन्होंने मारे गए लोगों के परिवारों के लिए मुआवजा और सरकारी नौकरी भी मांगी रखी है। मीर ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा- यह हड़ताल 'प्लान ए' है। लोगों का सब्र टूट चुका है। हमारे पास बैकअप प्लान हैं और प्लान डी बहुत खतरनाक होगा। PoK में पत्रकारों की एंट्री बैन पाकिस्तान सरकार ने PoK में पत्रकारों और टूरिस्ट की एंट्री बैन कर दी है। लोकल रिपोर्टर्स भी आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें न्यूट्रल कवरेज करने से रोका जा रहा है। इसके अलावा कई मानवाधिकार संगठन भी इस मुद्दे पर आवाज उठा रहे हैं। PoK में आधी रात से इंटरनेट बंद कर दिया गया है। सरकार को डर है कि ये प्रदर्शन आजादी की मांग में बदल सकते हैं। PoK में पहले भी कई बार प्रदर्शन हुए PoK में पहले भी कई बार सेना और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं। पिछले साल मई में सस्ते आटे और बिजली के लिए लोगों ने हड़ताल की थी। लोग कहना है कि PoK में मौजूद मंगला डैम से बिजली बनती है, फिर भी उन्हें सस्ती बिजली नहीं मिलती। इसी तरह 2023 में भी बिजली की कीमतें बढ़ाने और गेहूं की सब्सिडी हटाने के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए थे। 2022 में भी सरकार के एक कानून के खिलाफ लोगों ने सड़कें जाम की थीं और आजादी के नारे लगाए थे। --------------------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... PoK में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, आर्मी काफिले पर पथराव:पाकिस्तानी फौज ने गोलियां चलाईं, आंदोलनकारी बोले- हम तुम्हारी मौत हैं पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर (PoK) के 3 बड़े शहरों में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन जारी है। PoK की अवामी एक्शन कमेटी (AAC) की अपील पर सोमवार को पूरे इलाके में दुकानें, बाजार और सड़कें बंद कर दी गईं। यहां पढ़ें पूरी खबर...