जरूरत की खबर- ओरल हेल्थ के लिए बेहतर मेडिटेरेनियन डाइट:क्या है ये डाइट, कैसे खाएं, न्यूट्रिशनिस्ट से जानें हर सवाल का जवाब

Wait 5 sec.

हम अपने दांतों की साफ-सफाई को लेकर सचेत तो रहते हैं। लेकिन इसके बावजूद कभी-कभार मसूड़ों में सूजन और दांतों की कमजोरी समेत ओरल हेल्थ से जड़ी अन्य समस्याएं होना आम है। हाल ही में आई एक स्टडी के मुताबिक, केवल ओरल हाइजीन ही नहीं, खानपान भी मसूड़ों और दांतों को हेल्दी बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। ‘जर्नल ऑफ पीरियोडोंटोलॉजी’ में पब्लिश इस स्टडी से पता चला है कि मेडिटेरेनियन डाइट मसूड़ों की सेहत को बेहतर बनाने और इंफ्लेमेशन को कम करने में मदद कर सकती है। मेडिटेरेनियन डाइट मुख्य रूप से प्लांट-बेस्ड फूड्स और हेल्दी फैट्स पर आधारित है। बता दें कि ओरल हेल्थ हमारी सेहत का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह केवल दांतों और मसूड़ों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि डायबिटीज, हार्ट डिजीज और यहां तक कि स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ा सकती है। ऐसे में इसे इग्नोर करना सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनियाभर में करीब 3 अरब 70 करोड़ लोग ओरल डिजीज से पीड़ित हैं। इसका मुख्य कारण खराब डाइट और अपर्याप्त हाइजीन है। हालांकि मेडिटेरेनियन डाइट से इससे बचा जा सकता है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में हम मेडिटेरेनियन डाइट और ओरल हेल्थ के बीच के कनेक्शन पर चर्चा करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. अनु अग्रवाल, न्यूट्रिशनिस्ट और ‘वनडाइटटुडे’ की फाउंडर सवाल- मेडिटेरेनियन डाइट क्या है? जवाब- मेडिटेरेनियन डाइट भूमध्य सागर के आसपास के देशों जैसे ग्रीस, इटली और स्पेन की पारंपरिक खानपान की आदतों पर आधारित है। यह डाइट मुख्य रूप से प्लांट-बेस्ड होती है और हेल्दी फैट्स पर जोर देती है। इसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज, दालें, नट्स और सीड्स प्रमुख रूप से शामिल होते हैं, जबकि प्रोसेस्ड फूड, रिफाइंड ग्रेन्स और एडेड शुगर को कम-से-कम खाने की सलाह दी जाती है। मेडिटेरेनियन डाइट न केवल ओरल हेल्थ के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह हार्ट डिजीज, डायबिटीज और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को भी कम करती है। नीचे दिए ग्राफिक में मेडिटेरेनियन डाइट में शामिल फूड्स की लिस्ट देखिए- सवाल- परफेक्ट मेडिटेरेनियन डाइट चार्ट कैसा होना चाहिए? जवाब- इसमें प्लांट-बेस्ड फूड्स और हेल्दी फैट्स का सबसे ज्यादा हिस्सा होता है। नॉनवेज और डेयरी वाली चीजें सीमित मात्रा में ली जाती हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- मेडिटेरेनियन डाइट ओरल हेल्थ के लिए क्यों बेहतर है? जवाब- ये डाइट एंटीऑक्सिडेंट्स, फाइबर, ओमेगा-3 फैट्स और विटामिन्स से भरपूर होती है। ये तत्व मसूड़ों के टिश्यू को मजबूत बनाते हैं और बैक्टीरियल ग्रोथ को कम करते हैं। उदाहरण के लिए, विटामिन C से भरपूर फल और सब्जियां मसूड़ों की सूजन को रोकती हैं, जबकि ओमेगा-3 फैट्स इंफ्लेमेशन को कंट्रोल करते हैं। वहीं एडेड शुगर और प्रोसेस्ड फूड्स दांतों के इनेमल को खराब करते हैं। साथ ही मसूड़ों की प्रॉब्लम्स बढ़ाते हैं। इसलिए डॉक्टर कैल्शियम-रिच फूड्स, फ्रूट्स, वेजिटेबल्स और पर्याप्त हाइड्रेशन की सलाह देते हैं। नीचे दिए ग्राफिक से मेडिटेरेनियन डाइट के ओरल हेल्थ बेनिफिट्स को समझिए- आइए, अब ऊपर दिए पॉइंट्स के बारे में विस्तार से बात करते हैं। बैक्टीरियल ग्रोथ कम होती है मेडिटेरेनियन डाइट में फल और सब्जियां जैसे टमाटर और बेरीज एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो मुंह में हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते हैं। इससे प्लाक बिल्डअप कम होता है। मुंह की सफाई बेहतर होती है साबुत अनाज और सब्जियां फाइबर रिच होती हैं, जो चबाने के दौरान मुंह को नैचुरली साफ करती हैं और सलाइवा प्रोडक्शन बढ़ाती हैं। इससे मुंह से बदबू आने की समस्या भी कम होती है। इंफ्लेमेशन कम होता है मछली और नट्स में ओमेगा-3 फैट्स होते हैं, जो मसूड़ों की सूजन को कम करते हैं और पीरियोडोंन्टल डिजीज (मसूडों की बीमारी) से बचाते हैं। मसूड़े और दांत मजबूत होते हैं विटामिन C और D से भरपूर फूड्स दांत और मसूड़ों को हेल्दी रखते हैं और इन्फेक्शन से बचाते हैं। इनेमल प्रोटेक्शन बढ़ता है हेल्दी फैट्स और मिनरल्स दांतों के इनेमल को मजबूत बनाते हैं, जिससे कैविटी का खतरा कम होता है। गम डिजीज का रिस्क कम होता है कुल मिलाकर मेडिटेरेनियन डाइट बैक्टीरियल इन्फेक्शन को कंट्रोल करती है और लंबे समय तक ओरल हेल्थ को बेहतर बनाए रखती है। सवाल- किन लोगों को यह डाइट अपनानी चाहिए? जवाब- वैसे तो यह हर किसी के लिए फायदेमंद है। लेकिन जिन लोगों के मसूड़ों से खून आता है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है और बार-बार इन्फेक्शन होता है, डायबिटीज या हार्ट पेशेंट्स जिन्हें ओरल इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है, उन्हें मेडिटेरिनियन डाइट जरूर अपनानी चाहिए। सवाल- मेडिटेरिनियन डाइट अपनाते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है? जवाब- इसके लिए कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी है। जैसेकि- सवाल- कौन से फूड्स ओरल हेल्थ के लिए नुकसानदायक हैं? जवाब- कुछ फूड्स दांतों के इनेमल को खराब करते हैं, कैविटी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को भोजन देते हैं या दांतों में फंसकर सड़न पैदा करते हैं। इन्हें खाने से बचना चाहिए। जैसेकि- प्रोसेस्ड फूड्स ये फूड्स दांतों के बीच और मसूड़ों में फंस जाते हैं, जो बैक्टीरिया के लिए भोजन बन जाते हैं। खासकर सफेद ब्रेड मुंह में चीनी की तरह काम करती है। कार्बोनेटेड ड्रिंक्स इसमें चीनी और एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। ये दोनों मिलकर दांतों के इनेमल को तेजी से खराब करते हैं, जिससे कैविटी का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। कैंडीज और सूखे मेवे खट्टी कैंडीज एसिडिक होती हैं और ये धीरे-धीरे घुलती हैं, जिससे लंबे समय तक एसिड का अटैक होता रहता है। सूखे मेवे (जैसे किशमिश, खजूर) में चीनी बहुत ज्यादा होती है और ये दांतों में चिपक जाते हैं, जिससे सड़न बढ़ती है। बर्फ बर्फ चबाने से दांतों में दरार आ सकती है या इनेमल टूट सकता है। भले ही यह एसिडिक या मीठा न हो, यह एक फिजिकल डैमेज पहुंचाता है। सवाल- ओरल हेल्थ बेहतर बनाने के किन बातों का ध्यान रखें? जवाब- बेहतर ओरल हेल्थ के लिए अपनी डाइट में उन चीजों को भी शामिल करें, जो नेचुरल क्लींजिंग एजेंट का काम करें, कैल्शियमयुक्त और एंटीइंफ्लेमेटरी हों। जैसेकि-फैटी फिश (सैल्मन, सार्डिन), प्रोबायोटिक-रिच फूड्स (दही और छाछ), शुगर-फ्री गम और ग्रीन टी आदि। इसके अलावा कुछ और बातों का ध्यान रखें। जैसेकि- .......................... जरूरत की ये खबर भी पढ़िए जरूरत की खबर- दांत पीले क्यों पड़ते हैं: क्या सफेद दांत ही होते हैं हेल्दी, डेंटल एक्सपर्ट से जानें सफेद दांतों का मिथ और सच्चाई जब कोई मुस्कुराते हुए चमकते सफेद दांत दिखाता है तो हमें लगता है कि उसके दांत बिल्कुल हेल्दी होंगे। लेकिन दांतों का रंग सच में उनकी मजबूती और साफ-सफाई को नहीं दर्शाता है। हल्के पीले दांत भी पूरी तरह स्वस्थ और मजबूत हो सकते हैं। पूरी खबर पढ़िए...