प्रसिद्ध प्राइमेटोलॉजिस्ट और पर्यावरणविद जेन गुडॉल का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनका जीवन और शोध कार्य पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा रहा. तंजानिया के गोंबे जंगल में 1960 से चिंपैंजियों पर किए गए उनके अध्ययन ने न सिर्फ विज्ञान की धारणाओं को बदल दिया, बल्कि यह भी साबित किया कि जानवरों में भी भावनाएं, व्यक्तित्व और सामाजिक व्यवहार होते हैं.