पाकिस्तान सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के हालिया बयान से पूरी दुनिया में हलचल बढ़ा दी है. अमेरिका में प्रवासी पाकिस्तानों के कार्यक्रम के दौरान मुनीर ने कहा कि अगर पाकिस्तान डूबने की कगार पर होगा तो वह आधी दुनिया को अपने साथ ले जाएगा. यह बयान नागासाकी पर परमाणु बम गिराए जाने की 80वीं बरसी के दिन आया, जिससे इसकी संवेदनशीलता और बढ़ गई. भारत के विदेश मंत्रालय ने इसे गैर जिम्मेदार परमाणु हथियार संपन्न देश का उदाहरण बताते हुए कड़ी आलोचना की. मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान की परमाणु ब्लैकमेल की आदत अंतरराष्ट्रीय स्तर के लिए खतरा है और भारत किसी भी तरह के परमाणु दबाव में नहीं झुकेगा. लोकतंत्र और सुरक्षा पर सवाल भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान में सेना के राजनीतिक वर्चस्व और आतंकवादी संगठनों से उसके संबंधों को लेकर भी चिंताई है. उनका कहना है कि ऐसे हालात में परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं. अंतरराष्ट्रीय कानून क्या कहता है?संयुक्त राष्ट्र की परमाणु हथियार निषेध संधि के तहत किसी भी देश को परमाणु हथियार विकसित करने, रखने, इस्तेमाल करने या इसके इस्तेमाल करने की धमकी देने पर रोक है. यह संधि 2017 में अपनाई गई थी और 2021 में लागू हुई थी. पाकिस्तान और भारत दोनों में ही देशों ने संधि पर हस्ताक्षर नहीं किया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार से इसी तरह की धमकी अस्वीकार्य मानी जाती है. कहां कर सकते हैं शिकायत?अगर कोई देश सार्वजनिक मंच से परमाणु हमले की धमकी देता है तो उसकी शिकायत संयुक्त राष्ट्र महासचिव या सुरक्षा परिषद में की जा सकती है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के माध्यम से भी मामले को उठाया जा सकता है. हालांकि कार्यवाई का असर इस बात पर निर्भर करता है ‌कि कितने देश उस पर दबाव बनाने के लिए एकजुट होते हैं. क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि मुनीर का बयान न केवल कूटनीतिक रूप से अनुचित है बल्कि यह पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुंचता है. उनके अनुसार ऐसे बयान न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक तनाव भी बढ़ सकता है.ये भी पढ़ें: कानून की किस धारा के तहत शादी कराते हैं आर्य समाज मंदिर, ये कितने मान्य?