भारत की आजादी के बाद भी गुलाम था यह राज्य, आजादी मिलने में लग गए थे 14 साल

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भारत ने 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से आजादी हासिल की अंग्रेजों ने करीब 200 सालों तक भारत में राज किया और लंबे संघर्षों के बाद जब भारत को आजादी मिली तो ये दिन ऐतिहासिक और बेहद खास रहा. लेकिन आजादी के समय भारत की कुछ देसी रियासतें और प्रांतो को आजादी के बाद भारत में विलय कर लिया गया. इन्हीं में से एक राज्य ऐसा भी था जिसे आजादी मिलने में एक दो नहीं बल्कि पूरे 14 साल लग गए थे. चलिए जानते हैं इसके बारे में. पुर्तगालियों का था शासनबता दें कि आजादी के समय गोवा, दमन और दीव जैसे कुछ क्षेत्र पुर्तगाली शासन के अधीन रहे. गोवा जो आज भारत का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, 1961 तक पुर्तगालियों के कब्जे में रहा. 1510 में गोवा पर पुर्तगालियों ने कब्जा कर लिया था. करीब 450 वर्षों तक पुर्तगालियों ने गोवा, दमन और दीव पर शासन किया. जब भारत 1947 में आजाद हुआ तब गोवा में पुर्तगाली झंडा लहरा रहा था. भारत सरकार ने पुर्तगाल से गोवा को सौंपने की मांग की लेकिन पुर्तगाली शासक एंटोनियो सालाजार ने इसे ठुकरा दिया. 14 साल बाद गोवा को मिली आजादीजब कूटनीति और आंदोलन विफल रहे तो भारत सरकार ने सैन्य हस्तक्षेप का फैसला लिया. 18 दिसंबर 1961 को 'ऑपरेशन विजय' शुरू हुआ. भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने संयुक्त रूप से पुर्तगाली ठिकानों पर हमला किया. जिसके बाद 19 दिसंबर 1961 को पुर्तगाली गवर्नर जनरल मैनुअल एंटोनियो वासालो ई सिल्वा ने आत्मसमर्पण के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए और इस तरह इसके 14 साल बाद भारत ने गोवा पर अपना अधिकार वापस प्राप्त किया. धूमधाम से मनाया जाता है गोवा मुक्ति दिवसगोवा मुक्ति दिवस हर साल 19 दिसंबर को बड़े उत्साह से मनाया जाता है. यह दिन भारतीय सेना की वीरता और गोवा के लोगों के संघर्ष को याद करता है. गोवा की आजादी ने भारत की संप्रभुता और अखंडता को और मजबूत किया.क्या है स्वतंत्रता दिवस का महत्वस्वतंत्रता दिवस का महत्व केवल आजादी की प्राप्ति तक सीमित नहीं है. यह हमें उन बलिदानों की याद दिलाता है, जो असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों ने दिए. यह दिन हमें एकजुटता, राष्ट्रीय गर्व और देश के प्रति कर्तव्य की भावना को मजबूत करता है. हर साल 15 अगस्त को लाल किले पर प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं और राष्ट्र को संबोधित करते हैं. इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, परेड और देशभक्ति के गीतों का आयोजन होता है. इसे भी पढ़ें- भारत तो 15 अगस्त को आजाद हुआ, लेकिन इसी दिन दुनिया में घटी थीं ये 5 घटनाएं