जहां पर भी लगातार एक-दो दिन ताला लगा दिखता था, वहां पर रात को अपने पति, पुत्र और उनके दो साथियों को भेजती थी। चारों आरोपित चोरी की घटना को अंजाम देने के बाद अलग-अलग रास्तों से घर जाकर सो जाते थे। बाद में मिलकर चुराए हुए सामान को आपस में बांट लेते थे।