देश के दो प्रधानमंत्री जिन्होंने कभी नहीं फहराया लाल किले पर तिरंगा, जानिए क्यों हुआ ऐसा?

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स्वतंत्रता दिवस भारत के लिए गौरव का दिन है. भारत में हर साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराते हैं और देश को संबोधित करते हैं. यह परंपरा 1947 से चली आ रही है, लेकिन देश के इतिहास में ऐसे भी प्रधानमंत्री रहे हैं जिन्होंने कभी यह सम्मान नहीं निभाया. इनमें दो नाम सबसे प्रमुख हैं गुलजारीलाल नंदा और चंद्रशेखर. चलिए जानते हैं क्यों इन दोनों प्रधानमंत्रियों को यह मौका नहीं मिला. इसके पीछे क्या कारण था?. क्यों तिरंगा नहीं फहरा सके ये प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा गुलजारीलाल नंदा को दो बार देश का कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला. पहली बार 27 मई 1964 को पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद और दूसरी बार 11 जनवरी 1966 को लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद. दोनों ही मौकों पर उन्होंने सिर्फ अंतरिम अवधि के लिए पद संभाला था. उनका कार्यकाल दोनों बार कुछ ही हफ्तों का रहा. पहली बार लगभग 13 दिन और दूसरी बार भी करीब 13 दिन. क्योंकि उनके कार्यकाल के दौरान 15 अगस्त नहीं आया, इसलिए उन्हें कभी लाल किले पर तिरंगा फहराने का अवसर नहीं मिला.चंद्रशेखरचंद्रशेखर भारत के आठवें प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने 10 नवंबर 1990 से 21 जून 1991 तक देश की बागडोर संभाली. उनका कार्यकाल 6 महीने से कुछ अधिक समय का था. इस दौरान देश में राजनीतिक अस्थिरता थी और उनकी सरकार कांग्रेस के समर्थन से चल रही थी हालाकि यह सरकार ज्यादा समय तक नहीं चल सकी और 6 महीने के अंदर उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उनके कार्यकाल में भी 15 अगस्त का दिन नहीं आया, जिसके चलते वे लाल किले पर तिरंगा नहीं फहरा सके.क्यों खास है लाल किले का तिरंगा फहराना?15 अगस्त 1947 वह ऐतिहासिक दिन जब भारत ने ब्रिटिश शासन की बेड़ियों को तोड़कर आजादी की सांस ली. यह दिन केवल एक तारीख नहीं, बल्कि लाखों स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, संघर्ष और समर्पण की गाथा है. लाल किले पर तिरंगा फहराना सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि यह देश के लोकतांत्रिक गर्व और स्वतंत्रता का प्रतीक है. यहां से प्रधानमंत्री देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस पर संबोधित करते हैं और आने वाले साल के लिए सरकार की नीतियों का खाका पेश करते हैं. 1947 में पंडित नेहरू ने पहली बार तिरंगा फहराकर इस परंपरा की शुरुआत की थी, जो अब तक हर साल निभाई जाती है.  इस दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किले पर पहली बार तिरंगा फहराया और भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में विश्व पटल पर उभरा था.इसे भी पढ़ें-आजादी के लिए क्यों चुनी गई थी अगस्त महीने की 15 तारीख? जानिए इसका इतिहास