भारत हर साल 15 लाख से अधिक इंजीनियर तैयार करता है, लेकिन इनमें से 3% से भी कम के पास सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का पर्याप्त ज्ञान है। सरकार अब इस कमी को दूर करने के लिए विशेष योजना पर काम कर रही है।