हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जो हमारे लिवर को बुरी तरह प्रभावित करती है। इसके पांच प्रकार होते हैं A, B, C, D और E। हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) से संबद्ध इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) ने हेपेटाइटिस D को कैंसर कारक (Carcinogenic) घोषित किया है। इससे पहले WHO हेपेटाइटिस B और C को भी कैंसर कारक बता चुका है। जर्नल ऑफ हेपेटोलॉजी में साल 2020 में पब्लिश एक स्टडी में अनुमान लगाया गया है कि दुनियाभर में क्रॉनिक हेपेटाइटिस B वायरस (HBV) से संक्रमित लोगों में से लगभग 5% (करीब 1.2 करोड़) लोग हेपेटाइटिस D वायरस (HDV) से भी प्रभावित हैं। स्टडी के मुताबिक, HBV से पीड़ित लोगों में लिवर डिजीज और लिवर कैंसर के हर 5 में से करीब 1 मामला HDV के को-इन्फेक्शन से जुड़ा हो सकता है। WHO के मुताबिक, दुनियाभर में हर 30 सेकेंड में हेपेटाइटिस से संबंधित क्रॉनिक लिवर डिजीज या लिवर कैंसर से एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक है। हालांकि अगर समय पर जांच, टीकाकरण और सावधानियां अपनाई जाएं तो इसके खतरे से काफी हद तक बचा जा सकता है। तो चलिए, आज फिजिकल हेल्थ कॉलम में हम हेपेटाइटिस D के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि– हेपेटाइटिस D से 2 से 6 गुना बढ़ता लिवर कैंसर का खतरा हेपेटाइटिस D एक वायरल संक्रमण है, जो लिवर इंफ्लमेशन और डैमेज का कारण बनता है। ये हेपेटाइटिस D वायरस के कारण होता है। यह वायरस अपनी संख्या बढ़ाने के लिए हेपेटाइटिस B वायरस पर निर्भर होता है, इसलिए HBV की अनुपस्थिति में HDV संक्रमण संभव नहीं है। HDV और HBV का एक साथ संक्रमण क्रॉनिक वायरल हेपेटाइटिस का सबसे गंभीर रूप है। इससे लिवर कैंसर और लिवर फेल्योर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। IARC के अनुसार, हेपेटाइटिस D, हेपेटाइटिस B की तुलना में लिवर कैंसर के खतरे को दो से छह गुना तक बढ़ा देता है। हेपेटाइटिस B के साथ होने पर इसकी मृत्यु दर 20% तक होती है, जो सभी प्रकार के हेपेटाइटिस में सबसे ज्यादा है। हेपेटाइटिस D होने के मुख्य कारण हेपेटाइटिस D संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित खून या शरीर के अन्य फ्लुइड के संपर्क से फैलता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- हेपेटाइटिस D के लक्षण हेपेटाइटिस D के लक्षण अक्सर अन्य प्रकार के हेपेटाइटिस जैसे ही होते हैं। यह संक्रमण लिवर में सूजन पैदा करता है, जिससे शरीर में कई तरह के बदलाव नजर आने लगते हैं। शुरुआत में हल्के लक्षण दिख सकते हैं। लेकिन समय के साथ यह गंभीर हो सकते हैं और लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- इन लोगों को हेपेटाइटिस D का रिस्क ज्यादा हेपेटाइटिस D का रिस्क उन लोगों को ज्यादा होता है, जो पहले से हेपेटाइटिस B वायरस से संक्रमित हैं। इसके अलावा कुछ और लोग भी इसकी चपेट में जल्दी आते हैं। जैसेकि- हेपेटाइटिस D से बचने के उपाय हेपेटाइटिस D वायरस हेपेटाइटिस B वायरस के साथ ही होता है, इसलिए HBV से बचाव ही HDV से बचाव है। समय पर टीकाकरण, कुछ आदतें और संक्रमण से बचने के उपाय अपनाकर इस खतरे से बचा जा सकता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- हेपेटाइटिस D से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब सवाल- हेपेटाइटिस D की जांच कैसे की जाती है? जवाब- हेपेटाइटिस D की पुष्टि के लिए ब्लड टेस्ट किए जाते हैं, जो शरीर में वायरस की मौजूदगी और संक्रमण की स्थिति का पता लगाते हैं। आमतौर पर यह टेस्ट उन लोगों में किया जाता है, जो पहले से हेपेटाइटिस B से संक्रमित हैं और जिनमें लक्षण गंभीर या लंबे समय तक बने रहते हैं। इसके अलावा डॉक्टर लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) अल्ट्रासाउंड या अन्य इमेजिंग टेस्ट भी कराते हैं। सवाल- हेपेटाइटिस D का इलाज कैसे किया जाता है? जवाब- हेपेटाइटिस D का अभी तक कोई विशेष और पूरी तरह से प्रभावी इलाज उपलब्ध नहीं है। लेकिन कुछ दवाओं और देखभाल से इसके असर को कम किया जा सकता है और लिवर को नुकसान से बचाया जा सकता है। हेपेटाइटिस B का टीका लगवाने से HDV संक्रमण को रोका जा सकता है। गंभीर मामलों में लिवर ट्रांसप्लांट की भी जरूरत पड़ सकती है। इसके अलावा डॉक्टर शराब से परहेज करने, संतुलित डाइट लेने और लिवर को नुकसान पहुंचाने वाली दवाओं से बचने की सलाह देते हैं। सवाल- क्या हेपेटाइटिस D, हेपेटाइटिस B या C से अलग है? जवाब- गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. साद अनवर बताते हैं कि हां, यह हेपेटाइटिस B और C से अलग वायरस है। लेकिन इसे फैलने के लिए HBV की जरूरत होती है। सवाल- क्या हेपेटाइटिस D के लक्षण तुरंत दिखते हैं? जवाब- डॉ. साद अनवर बताते हैं कि नहीं, कई मामलों में शुरुआती चरण में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। थकान, पीलिया, पेट दर्द और भूख कम लगना इसके सामान्य संकेत हैं। सवाल- क्या हेपेटाइटिस D पूरी तरह ठीक हो सकता है? जवाब- कुछ मरीज संक्रमण से उबर सकते हैं। लेकिन अगर यह क्रॉनिक रूप ले ले तो जीवनभर बना रह सकता है। सवाल- क्या हेपेटाइटिस D के लिए कोई वैक्सीन है? जवाब- अलग से HDV की वैक्सीन नहीं है, लेकिन हेपेटाइटिस B की वैक्सीन लगवाने से HDV से भी बचाव होता है। सवाल- क्या हेपेटाइटिस D के मरीज को डाइट बदलनी चाहिए? जवाब- हां, हेपेटाइटिस D के मरीज को अपनी डाइट में कुछ अहम बदलाव करने चाहिए। इसके लिए शराब से पूरी तरह परहेज, कम फैट वाला संतुलित डाइट और पर्याप्त पानी पीना बेहद जरूरी है। .......................... फिजिकल हेल्थ की ये खबर भी पढ़िए फिजिकल हेल्थ- युवाओं में बढ़ रहा कोलोन कैंसर: डॉक्टर ने बताया- बढ़ने के 8 बड़े कारण, बीमारी के 5 संकेत, बचाव के 9 प्रिवेंटिव मेजर्स विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, कोलोन कैंसर तीसरा सबसे कॉमन कैंसर है। दुनिया में कैसर से हो रही मौतों की दूसरी सबसे बड़ी वजह है। साल 2020 में 19 लाख से ज्यादा कोलोन कैंसर के नए केस दर्ज हुए थे। पूरी खबर पढ़िए...