विदेश दौरे पर अपनी बीवी-बच्चों को ले जाते हैं क्रिकेटर, जानें कौन उठाता है उनका खर्च?

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आपने अक्सर देखा होगा कि जब भी कभी भारतीय क्रिकेट टीम का कोई मैच विदेश में खेला जाता है तो खिलाड़ी अपने परिवार को साथ लेकर जाते हैं. अक्सर उनकी पत्नी, बच्चे या फिर माता-पिता दर्शक दीर्धा में बैठकर उनका उत्साहवर्धन करते रहते हैं. भारतीय टीम के खिलाड़ी अभी ही नहीं, पहले भी ऐसा करते आए हैं, लेकिन पहले यह बहुत कम होता था. लेकिन अब माना जा रहा है कि विराट कोहली के कप्तान बनने के बाद टीम में परिवार के साथ विदेश दौरे का चलन ज्यादा बढ़ गया है. वे पत्नी और बच्चों के साथ ट्रैवलिंग का समर्थन करते हैं. विराट के बाद रोहित शर्मा भी इस चीज का समर्थन करते हैं. वो भी अक्सर अपनी पत्नी और बच्चे के साथ ट्रैवल करते हैं. चलिए जानें कि इनके परिवारों के विदेश दौरे का खर्चा कौन उठाता है.कौन उठाता है परिवार का खर्चाटीम इंडिया के ज्यादातर खिलाड़ी विदेश में कोई टूर्नामेंट होने पर कई बार परिवारों के साथ भी नजर आते हैं. ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल आना लाजमी है कि आखिर उनका खर्चा कौन उठाता होगा. क्या बीसीसीआई ही उनका खर्चा उठाती है? तो इसका जवाब है, हां. विदेश दौरों पर क्रिकेटर के बीवी बच्चों का खर्चा बीसीसीआई ही उठाता है, लेकिन कुछ शर्तों के साथ. अगर दौरा 45 दिनों से ज्यादा का है तो खिलाड़ियों के परिवार उनके साथ 14 दिनों से ज्यादा नहीं रह सकते हैं. अगर वे 14 दिन से ज्यादा रुकते हैं, तो उसका खर्चा बीसीसीआई नहीं उठाएगा. वहीं 14 दिन रहने की अनुमति सिर्फ एक ही बार दी जाती है और इसी दौरान बीसीसीआई उनका खर्चा देता है.बीसीसीआई ने क्या बनाए नियमहाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने विदेशी दौरों के दौरान क्रिकेटरों के परिवारों की उपस्थिति को सीमित करने के फैसले पर बीसीसीआई का समर्थन किया है. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में प्रदर्शन ठीक न होने की वजह से बीसीसीआई ने विदेशी दौरे को लेकर कुछ नियम बनाए थे. इसी के तहत 45 दिनों से अधिक के दौरे के लिए परिवारों के साथ रहने की अनुमति सिर्फ 14 दिन कर दी गई थी, वहीं अगर कोई छोटा दौरा है तो सिर्फ सात दिन ही परिवार के सदस्य साथ रह सकते हैं. वहीं नए नियमों की मानें तो पूरे टूर्नामेंट के दौरान पत्नियां खिलाड़ियों के साथ नहीं रह सकती हैं. परिवार सिर्फ दो हफ्तों तक साथ रह सकता है. यह भी पढ़ें: क्या है ULFA- I? जो पूर्वोत्तर में फैला रहा आतंक, जानें इस पर क्यों लगा था बैन?