कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' पर रोक के खिलाफ उसके निर्माता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. निर्माताओं ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश का विरोध किया है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर इसी सप्ताह सुनवाई का भरोसा दिया.फिल्म निर्माता की तरफ से वरिष्ठ वकील गौरव भाटिया जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची की बेंच के सामने पेश हुए. भाटिया ने कहा, '9 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने रोक की मांग को तुरंत सुनने से मना कर दिया था, लेकिन 10 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म पर रोक लगा दी. तब फिल्म रिलीज होने में मात्र 12 घंटे बचे थे. थिएटर में उसका इंतजार किया जा रहा था.'जस्टिस सूर्य कांत ने पूछा कि क्या फिल्म वास्तविक घटना पर आधारित है. भाटिया ने बताया कि यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसकी गला काट कर हत्या की गई. यह जीवन के मौलिक अधिकार के हनन की कहानी है. इस पर बेंच ने वरिष्ठ वकील को जल्द सुनवाई का भरोसा दिया. जस्टिस कांत ने कहा कि बुधवार या उसके बाद मामला सुना जाएगा.2 अदालतों का अलग रुखकन्हैयालाल की हत्या के एक आरोपी मोहम्मद जावेद ने केस पर असर की दलील देते हुए सुप्रीम कोर्ट से फिल्म की रिलीज रोकने की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि फिल्म को रिलीज होने दिया जाए. जावेद बाद में अपनी बात रखे. इस बीच इस्लामिक संस्था 'जमीयत उलेमा ए हिंद' की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म की रिलीज रोक दी. हाई कोर्ट ने कहा कि जमीयत केंद्र सरकार को आवेदन देकर 'उदयपुर फाइल्स' को मिले केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) सर्टिफिकेट को चुनौती दे. केंद्र सरकार सिनेमेटोग्राफ एक्ट की धारा 6 के तहत हासिल शक्ति का इस्तेमाल करते वक्त उस पर विचार करे. केंद्र के फैसले तक फिल्म रिलीज न हो.2022 में हुई थी हत्याजून 2022 में उदयपुर में दर्जी का काम करने वाले कन्हैयालाल की निर्मम हत्या हुई थी. उस समय पैगम्बर मोहम्मद के बारे में नूपुर शर्मा के एक बयान को लेकर काफी विवाद चल रहा था. कन्हैयालाल ने नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाला पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर किया था इसलिए मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस ने उन्हें मार डाला. आरोप है कि कई और लोगों ने हत्या में सहयोग किया.