मराठा मिलिट्री लैंडस्केप वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल:17-19वीं सदी में बने 12 किले लिस्ट में; भारत की कुल 44 धरोहर इसमें शामिल

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भारत में स्थित मराठा मिलिट्री लैंडस्केप को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कर लिया गया है। लिस्ट में 12 किले हैं, जिसमें से 11 महाराष्ट्र के सालहेर, शिवनेरी, लोहगढ़, खंडेरी, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला, विजय दुर्ग, सिंधुदुर्ग किला शामिल है। वहीं तमिलनाडु का जिंजी किला भी इस सूची का हिस्सा है। ये सभी किले 17वीं से 19वीं सदी के बीच बने हैं। ये ऐलान पेरिस में हुई यूनेस्को की 47वीं बैठक में किया गया। इससे मराठा इतिहास और विरासत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। इसी के साथ भारत की कुल 44 धरोहर वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल हो गई हैं। वर्ल्ड हेरीटेज लिस्ट में शामिल किलों की तस्वीरें... 1. सालहेर किला 2. शिवनेरी किला 3. लोहगढ़ किला 4. खंडेरी किला 5. रायगढ़ किला 6. राजगढ़ किला 7. प्रतापगढ़ किला 8. सुवर्णदुर्ग 9. पन्हाला किला 10. विजय दुर्ग 11. सिंधुदुर्ग 12. जिंजी किला ये सभी तस्वीरें यूनेस्को की आधिकारिक वेबसाइट से ली गई हैं। अब मैप के जरिए समझें किलों की लोकेशन 3 महीने में दूसरी बार यूनेस्को की लिस्ट में भारत का नाम पिछले तीन महीनों में यह दूसरा मौका है जब यूनेस्को की किसी लिस्ट में भारत का नाम शामिल हुआ है। 18 अप्रैल को श्रीमद् भगवत गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को UNESCO ने अपने मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल किया था। 1992 में शुरू हुआ था मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टरयूनेस्को का मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर एक अंतरराष्ट्रीय पहल है, जिसे यूनेस्को (UNESCO) ने 1992 में शुरू किया था। इसका उद्देश्य विश्व के महत्वपूर्ण दस्तावेजी विरासतों को पहचान देना, उसे संरक्षित करना और लोगों की पहुंच में लाना है। यह एक अंतरराष्ट्रीय रजिस्टर है जिसमें विश्वभर के ऐतिहासिक दस्तावेज, पांडुलिपियां, दुर्लभ पुस्तकें, चित्र, फिल्में, ऑडियो रिकॉर्डिंग, आदि को शामिल किया जाता है, जिनका ऐतिहासिक, सांस्कृतिक या सामाजिक महत्व होता है। 2024 में शामिल हुई थी रामचरितमानस2024 में, तीन भारतीय साहित्यिक कृतियों रामचरितमानस, पंचतंत्र, और सहृदय लोक-लोकन को ‘मैमोरी ऑफ द वर्ल्ड कमेटी फॅार एशिया एंड द पेसिफिक रीजन (MOWCAP)’ रजिस्टर में शामिल किया गया था। यह पहली बार है कि एक ही बार में भारत के तीन कृतियों को एक-साथ शामिल किया गया हो। 'रामचरितमानस' गोस्वामी तुलसीदास ने 16वीं शताब्दी में अवधी भाषा में लिखी थी और इसे भारतीय साहित्य और हिन्दू धर्म की सर्वोत्तम कृतियों में से एक माना जाता है। वहीं पंडित विष्णु शर्मा की पंचतंत्र कहानियों का संकलन है।