गोपालगंज में हुए इस हमले के बाद एनसीपी नेता नाहिद इस्लाम और पार्टी के दूसरे नेता हसनत अब्दुल्ला ने "मुजीब की विरासत" के अवशेषों को मिटाने का वादा किया. वहीं आवामी लीग का कहना है कि बांग्लादेश की सेना अब तटस्थ नहीं रही है और लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन का भी अधिकार नहीं है.