बलूचिस्तान में पाकिस्तानी आर्मी पर विद्रोहियों के हमले में वरिष्ठ अधिकारी, मेजर रबी नवाज समेत 20 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत की खबर है। ये हमले पिछले 12 घंटों में अवारान, क्वेटा और कलात जिलों में हुए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये हमले सैन्य चौकियों को निशाना बनाकर किए गए थे। हालांकि, इन हमलों की जिम्मेदारी अभी तक किसी ग्रुप ने नहीं ली है, लेकिन इसमें फितना अल हिंदुस्तान और बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के शामिल होने का शक है। वहीं, बलूचिस्तान के कालात में बुधवार को एक यात्री बस पर हमला हुआ, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई और 13 लोग घायल हो गए। पाकिस्तानी मीडिया डॅान के मुताबिक, हमलावरों ने क्वेटा-कराची हाईवे पर नेमार्ग इलाके में घात लगाकर बस को रोका और अंधाधुंध गोलीबारी की। मुख्यमंत्री ने फितना अल हिंदुस्तान आतंकी संगठन को जिम्मेदार बताया बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने बताया कि सुरक्षा बलों और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचे और हमलावरों की तलाश में अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि हमलावरों ने सड़क के दोनों ओर से हमला किया। मुख्यमंत्री मिर्जा सरफराज बुगती ने इस हमले की निंदा की और इसे फितना अल हिंदुस्तान आतंकी संगठनों का काम बताया। उन्होंने कहा- निर्दोष नागरिकों पर हमला गंभीर अपराध है। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के अनुसार, यह हमला उस दिन हुआ जब सुरक्षा बलों ने अवारन इलाके में फितना अल हिंदुस्तान से जुड़े तीन आतंकवादियों को मार गिराया। इसमें पाकिस्तानी सेना का एक अधिकारी मेजर सैयद रब नवाज तारिक की मौत हो गई थी। बलूचिस्तान सबसे हिंसाग्रस्त, मई में 35 हमले इस्लामाबाद स्थित थिंक टैंक पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी (PICSS) की रिपोर्ट बताती है कि मई 2025 में देश में कुल 85 आतंकी हमले हुए। इनमें बलूचिस्तान सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। यहां अकेले 35 हमले हुए जिनमें 51 लोगों की मौत और 100 से ज्यादा घायल हुए। इनमें नागरिकों की संख्या सबसे ज्यादा है। हमलों में 30 आम लोग, 18 सुरक्षाकर्मी और 3 आतंकी मारे गए। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बस पर हमले में 9 लोगों की मौत हुई पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में 10 जुलाई की देर रात क्वेटा से लाहौर जा रही एक यात्री बस को हथियारबंद लोगों ने रोककर 9 यात्रियों को अगवा किया और उन्हें गोलियों से भून दिया था। यह घटना नॉर्थ बलूचिस्तान के सर धक्का इलाके में झोब के पास हुई, जो लंबे समय से चरमपंथियों की गतिविधियों का केंद्र रहा है। झोब के असिस्टेंट कमिश्नर नवीन आलम के मुताबिक, हमलावरों ने बस से यात्रियों को उतारा, पहचान की और फिर 9 लोगों को गोली मार दी। बलूच नेता ने पाकिस्तान से आजादी का ऐलान किया था बलूच नेता मीर यार बलूच ने अप्रैल में पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी का ऐलान किया था। उन्होंने इसके पीछे दशकों से बलूच लोगों के मानवाधिकार हनन, किडनैपिंग और हिंसा का हवाला दिया था। मीर यार बलूच ने X पोस्ट में कहा- बलूचिस्तान के लोगों ने अपना "राष्ट्रीय फैसला" दे दिया है और दुनिया को अब चुप नहीं रहना चाहिए। आओ हमारा साथ दो। उन्होंने लिखा कि बलूच लोग सड़कों पर हैं और यह उनका राष्ट्रीय फैसला है कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है और दुनिया अब और मूक दर्शक नहीं रह सकती। उन्होंने भारत और ग्लोबल समुदाय से बलूचिस्तान की आजादी के लिए मान्यता और समर्थन भी मांगा था। बलूचिस्तान की आजादी के लिए लड़ रहा है BLA बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) एक संगठन है जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की स्वतंत्रता के लिए लड़ रहा है। इसकी स्थापना 2000 के दशक की शुरुआत में हुई और इसे कई देशों द्वारा आतंकी संगठन भी घोषित किया गया है। BLA का दावा है कि बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण हो रहा है और बलूच लोगों के अधिकार छीन लिए गए हैं। यह संगठन पाकिस्तानी सेना, सरकार और चीनी प्रोजेक्ट्स जैसे CPEC को निशाना बनाता रहा है। BLA अपनी गुरिल्ला शैली के लिए जाना जाता है। यानी पहाड़ी इलाकों में छिपकर सेना पर हमला करना और तुरंत वापस लौट जाना।