स्पेस में पानी उबालने पर क्यों नहीं बनते हैं बबल्स? जान लीजिए जवाब

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अंतरिक्ष में जाना और वहां पर कुछ वक्त बिताकर आना सुनने तो बहुत ही अच्छा लगता है, लेकिन जो लोग अंतरिक्ष में जाते हैं या फिर जा रहे होते हैं, असल चुनौती के बारे में तो सिर्फ वही जानते और महसूस करते हैं. एस्ट्रनॉट्स के लिए जीवन बहुत कठिन होता है, उनके लिए रोजमर्रा के काम कर पाना भी बहुत मुश्किल हो जाता है. अंतरिक्ष में हमेशा किसी न किसी नई चीज की खोज चलती रहती है, इसलिए एस्ट्रनॉट्स का भी धरती पर आना-जाना लगा रहता है. ऐसे में अंतरिक्ष में उनके खाने-पीने की बेसिक जरूरतों को पूरा किया जाता है. अंतरिक्ष में ग्रैविटी जीरो होती है, इसलिए वहां पर खानी-पानी भी मुश्किल से होता है. इसी क्रम में आइए जानें कि स्पेस में पानी उबालने पर बबल्स क्यों नहीं बनते हैं.अंतरिक्ष में रहना कितना कठिनअंतरिक्ष में जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स ने अब तक वहां के बारे में की सारे राज खोले हैं, जो कि एक आम इंसान यहां से बैठ कर नहीं सोच सकता है. साइंस फिक्शन से भी ज्यादा हैरतअंगेज अंतरिक्ष की दुनिया होती है. यहां पर धरती की तरह गुरुत्वाकर्षण का कोई असर नहीं होता है, इसीलिए इंसान हवा में तैरता रहता है और धरती पर लंबे वक्त के बाद वापस आने पर उसे चलना भी दोबारा से सीखना होता है. वहीं स्पेस में अगर पानी उबाला जाए तो धरती से एकदम अलग अनुभव होगा. यहां पर अगर पानी उबाला जाता है तो सैकड़ों हजारों बुलबुले बनते हैं, लेकिन अंतरिक्ष में ऐसा नहीं होता है. धरती पर पानी में क्यों बनते हैं बुलबुलेअंतरिक्ष में पानी उबालने पर यहां की तरह हजारों बुलबुले नहीं बनते हैं, बल्कि सिर्फ एक बड़ा सा बुलबुला बनता है. वहां पर इतने ढेर सारे बुलबुले इसलिए नहीं बन पाते हैं, क्योंकि वहां गुरुत्वाकर्षण नहीं होता है, इसीलिए बुलबुले ऊपर नहीं उठ पाते हैं. धरती पर गुरुत्वाकर्षण की वजह से बुलबुले बनते हैं. धरती पर जब पानी उबलता है तो गर्मी की वजह से पानी के अणु तेजी से गति में आ जाते हैं. अणुओं में इतनी ऊर्जा इकट्ठी हो जाती है कि वे तरल अवस्था में नहीं रह पाते हैं जलवाष्प के गैसीय अणु बन जाते हैं और पानी पर तैरते रहते हैं. गुरुत्वाकर्षण की वजह से ये बुलबुले ऊपर उठते दिखाई देते हैं. अंतरिक्ष में पानी में क्यों नहीं बनते बुलबुलेअंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण की कमी की वजह से बुलबुले ऊपर की तरफ नहीं उठ पाते हैं, इसलिए वे पानी में ही मौजूद रह जाते हैं और एक बड़े से बुलबुले में मिल जाते हैं. यह बुलबुला पानी की सतह पर नहीं तैरता है, बल्कि पानी के अंदर ही रहता है. वहीं अंतरिक्ष में पानी का ब्वाइलिंग प्वाइंट भी बदल जाता है और कम दबाव पर पानी कम तापमान पर भी उबलने लगता है. इसीलिए अंतरिक्ष में पानी को उबालने के लिए कम गर्मी की जरूरत होती है. यह भी पढ़ें: हॉस्पिटल में कोड ब्लैक कब होता है लागू, ये सुनते ही तुरंत हो जाएं अलर्ट