जरूरत की खबर- आकाशीय बिजली से सावधान:बिजली गिरने के 4 संकेत, घर में हों या बाहर, बरतें 10 सावधानियां, न करें ये 5 गलतियां

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मानसून की शुरुआत होते ही देश के अलग-अलग राज्यों से आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं सामने आ रही हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में आकाशीय बिजली गिरने से अब तक 25 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा और हिमाचल प्रदेश से भी भारी बारिश के साथ बिजली गिरने की खबरें सामने आई हैं। ये घटनाएं भले ही प्राकृतिक हों, लेकिन कुछ जरूरी सावधानियां अपनाकर इनसे बचाव संभव है। तो चलिए, ‘जरूरत की खबर’ में आज जानते हैं कि आकाशीय बिजली गिरने की असली वजह क्या है? साथ ही जानेंगे कि- सवाल- आकाशीय बिजली गिरती क्यों है? जवाब- बादलों में मौजूद पानी की बूंदें और बर्फ के कण हवा से रगड़ खाते हैं, जिससे उनमें बिजली जैसा चार्ज पैदा होता है। कुछ बादलों में पॉजिटिव और कुछ में नेगेटिव चार्ज जमा हो जाता है। जब ये विपरीत चार्ज वाले बादल आपस में टकराते हैं तो बिजली बनती है। आमतौर पर यह बिजली बादलों के भीतर ही रहती है, लेकिन कभी-कभी यह इतनी तेज होती है कि धरती तक पहुंच जाती है। बिजली को धरती तक पहुंचने के लिए कंडक्टर की जरूरत होती है। पेड़, पानी, बिजली के खंभे और धातु के सामान ऐसे कंडक्टर बनते हैं। अगर कोई व्यक्ति इनके पास या संपर्क में होता है तो वह बिजली की चपेट में आ सकता है। सवाल- बिजली गिरने का सबसे ज्यादा खतरा किन इलाकों में होता है? जवाब- खेत, खाली मैदान, पहाड़ी इलाके नदी या तालाब के आसपास खुली और नम जगहों पर बिजली गिरने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। इन इलाकों में मौजूद ऊंची या धातु की चीजें बिजली को आकर्षित करती हैं। जब आसमान में काले बादल हों, तेज हवा चले, गरज के साथ तेज बरसात हो रही हो, तब बिजली गिरने की आशंका बढ़ जाती है। जून से सितंबर महीने के बीच यह खतरा सबसे ज्यादा होता है। सवाल- किन संकेतों से आकाशीय बिजली गिरने की पहचान की जा सकती है? जवाब- बिजली गिरने से पहले वातावरण में कुछ संकेत नजर आते हैं, जिनसे खतरे का अंदेशा लगाया जा सकता है। इन्हें ग्राफिक से समझिए- सवाल- आकाशीय बिजली से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? जवाब- आकाशीय बिजली से बचाव के लिए '30-30 नियम' बेहद कारगर है। अगर बिजली दिखने के 30 सेकेंड के भीतर गड़गड़ाहट सुनाई दे तो तुरंत सुरक्षित जगह पर चले जाएं। आखिरी गड़गड़ाहट के बाद 30 मिनट तक बाहर न निकलें। ऐसे मौसम में कुछ बुनियादी सावधानियों का भी ध्यान रखना चाहिए। इन्हें नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- बारिश के मौसम में मोबाइल इस्तेमाल करना या पेड़ के नीचे खड़ा होना क्यों खतरनाक है? जवाब- मोबाइल जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण धातु से बने होते हैं, जो बिजली के फ्लो को आकर्षित कर सकते हैं। हालांकि मोबाइल सिग्नल से बिजली नहीं गिरती, लेकिन उसके धातु के हिस्से खतरा बढ़ा सकते हैं, खासकर जब आप खुले में हों। वहीं पेड़ ऊंचे होते हैं, इसलिए बिजली गिरने पर सबसे पहले वही इसकी चपेट में आते हैं। जब बिजली पेड़ पर गिरती है तो उसकी एनर्जी जमीन में फैलती है। ऐसे में पेड़ के नीचे खड़े व्यक्ति को जोरदार करंट लग सकता है, जिससे जलने, बेहोशी या जान जाने तक का खतरा रहता है। सवाल- खेत में काम कर रहे किसान और मजदूरों को आकाशीय बिजली का खतरा अधिक क्यों होता है? जवाब- किसान और मजदूर अक्सर खुले खेतों में काम करते हैं, जहां आसपास कोई ऊंची इमारत या सुरक्षित आश्रय नहीं होता है। ऐसे में व्यक्ति खुद ही कंडक्टर बन जाता है, जिससे उस पर बिजली गिरने की आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा खेतों में फावड़ा, दरांती, ट्रैक्टर, सिंचाई के पाइप जैसे धातु के उपकरणों का इस्तेमाल होता है। धातु बिजली का अच्छा चालक होती है, ये उपकरण भी बिजली को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं, जिससे खतरा और बढ़ जाता है। सवाल- खेत में काम करने के दौरान आकाशीय बिजली से बचाव के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- खेत में काम करते समय बादल गरजने या बिजली चमकने पर तुरंत काम रोक देना चाहिए और किसी पक्की इमारत या सुरक्षित आश्रय की ओर चले जाना चाहिए। खुले मैदान में नंगे सिर या धातु के औजारों के साथ खड़े रहना खतरनाक हो सकता है। अगर आसपास कोई पक्की बिल्डिंग नहीं है तो खुले में खड़े रहने के बजाय पैरों को एक साथ जोड़कर जमीन पर बैठ जाएं, लेकिन हाथों को जमीन से दूर रखें। इसके साथ ही कुछ अन्य सावधानियां बरतनी चाहिए। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- अगर आपके सामने कोई व्यक्ति आकाशीय बिजली की चपेट में आ जाए तो क्या करें? जवाब- बिजली गिरने से झुलसे व्यक्ति में बिजली का असर तुरंत खत्म हो जाता है। वह दूसरों के लिए खतरा नहीं होता है। इसलिए डरें नहीं तुरंत उसकी मदद के लिए कुछ जरूरी कदम उठाएं। सवाल- आकाशीय बिजली से बचने के लिए क्या मोबाइल एप या तकनीक मदद कर सकती है? जवाब- हां, आकाशीय बिजली से बचाव के लिए तकनीक काफी मददगार है। भारत सरकार और मौसम विभाग ने ऐसी कई सर्विसेज और एप्स विकसित किए हैं, जो समय रहते बिजली गिरने की चेतावनी देती हैं। इनसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने का समय मिल जाता है। दामिनी लाइटनिंग अलर्ट एपयह सरकारी एप आपके आसपास 20-40 किलोमीटर के दायरे में बिजली गिरने का अलर्ट देता है। GPS के जरिए नोटिफिकेशन भेजता है और बचाव के उपाय भी बताता है। मौसम LIVE, SACHET या Mausam App ये भारत मौसम विभाग के एप है, जो पूरे देश में तापमान, बारिश, बिजली गिरने और मौसम की चेतावनियों की जानकारी देते हैं। ये लोकल लेवल पर भी अलर्ट देते हैं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एप कुछ राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश और ओडिशा ने अपने डिजास्टर मैनेजमेंट एप लॉन्च किए हैं, जो बिजली गिरने की स्थिति में लोकेशन-बेस्ड अलर्ट भेजते हैं। SMS और वेबसाइट अलर्ट भारत मौसम विभाग (IMD) अपनी वेबसाइट और मोबाइल एप्स के जरिए मौसम संबंधी चेतावनियां और बुलेटिन जारी करता है। कई राज्यों में SMS अलर्ट सिस्टम भी एक्टिव है, जो रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों पर बिजली गिरने और तूफान की चेतावनी भेजता है। …………………… ये खबर भी पढ़िए... जरूरत की खबर- कहीं आप मानसून-ब्लूज का शिकार तो नहीं:इन 6 कारणों से बढ़ता रिस्क, बचाव के लिए इन 8 बातों का रखें ध्यान ध्यान बारिश के इसी लंबे और बंद माहौल में कई लोग थकान, चिड़चिड़ापन, बेवजह की उदासी या अकेलेपन जैसी भावनाओं का अनुभव करने लगते हैं। इस मानसिक स्थिति को ‘मानसून ब्लूज’ कहा जाता है। पूरी खबर पढ़िए...