100 कमरे, 3 करोड़ की नई बिल्डिंग... यदाद्री मंदिर की तर्ज पर विकसित होगा बसारा का सरस्वती मंदिर, रेवंत सरकार का फैसला

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तेलंगाना के निर्मल जिले में स्थित बसारा का सरस्वती देवी मंदिर न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में राज्य सरकार तेजी से कदम उठा रही है. सरकार का लक्ष्य इस पवित्र स्थल को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कर भक्तों और पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाना है. तेलंगाना सरकार बसारा मंदिर को यादद्री की तर्ज पर एक आध्यात्मिक और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है. मंदिर परिसर में भक्तों की सुविधा के लिए 100 कमरों का नवीकरण किया गया है और 3.48 करोड़ रुपये की लागत से नई कार्यकारी अधिकारी (ईवीओ) इमारत का उद्घाटन किया गया है. इसके अलावा, शौचालय और अन्य सुविधाओं के लिए 40 लाख रुपये और अतिरिक्त 1 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है. यह सुनिश्चित करेगा कि तेलुगु राज्यों, महाराष्ट्र और कर्नाटक से आने वाले भक्तों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े.पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदममंदिर के विकास के साथ-साथ सरकार क्षेत्र की शैक्षिक प्रगति पर भी ध्यान दे रही है. बसारा में राजीव गांधी विश्वविद्यालय ज्ञान प्रौद्योगिकी (RGUKT) को और बेहतर बनाने की योजना है. यह विश्वविद्यालय छात्रों को आधुनिक तकनीक और उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करेगा. सरकार का लक्ष्य है कि यहां के छात्र देश के अग्रणी संस्थानों में नौकरियां प्राप्त करें और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को और बढ़ाएं. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार बसारा को एक आकर्षक गंतव्य बनाने पर जोर दे रही है. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में क्षेत्र की आध्यात्मिकता को बनाए रखते हुए इसे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है. गोदावरी पुष्करम जैसे आयोजनों के लिए विशेष सुरक्षा और विकास व्यवस्थाएं की जाएंगी. इसके साथ ही, सैमक्का-सारालम्मा जतारा को व्यवस्थित करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि भक्तों को सभी सुविधाएं मिल सकें.राज्य में 10 हजार शिक्षकों की भर्तीशिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में भी सरकार सक्रिय है. राज्य भर में 10 हजार शिक्षकों की भर्ती की गई है और निर्मल जिले में एकीकृत स्कूल स्थापित किए जाएंगे. इसके अलावा, श्रमिकों के कल्याण के लिए नौकरी सुरक्षा और न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करने के प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं. सरकार शिक्षा, रोजगार और चिकित्सा क्षेत्रों में अधिक धनराशि आवंटित करने के लिए प्रतिबद्ध है.बसारा मंदिर के विकास के लिए नियमित कार्यकारी अधिकारी और आवश्यक कर्मचारियों की नियुक्ति जल्द की जाएगी. मंदिर परिसर में आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ गोदावरी पुष्कारा घाट पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सभी सुरक्षा उपाय किए जाएंगे. सरकार की ये पहल न केवल बसारा की आध्यात्मिकता को बढ़ाएंगी, बल्कि इसे एक प्रमुख पर्यटन और शैक्षिक केंद्र के रूप में भी स्थापित करेगी.ये भी पढ़ें: बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के लोग... चुनाव आयोग के SIR में हैरान करने वाले खुलासे