ओडिशा के बालासोर में एफएम कॉलेज की छात्रा के आत्मदाह से जुड़े मामले में पीड़िता की दोस्त ने एक नया खुलासा किया. पीड़िता की दोस्त ने दावा किया कि जिस विभाग में वह पढ़ती थी उसके विभागाध्यक्ष (HoD) ने उसे धमकाया कि अगर वह उसकी बात नहीं मानेगी तो फेल कर दिया जाएगा. उन्होंने विभागाध्यक्ष पर आरोप लगाया कि उसने पीड़िता को इस हद तक उकसाया कि उसने आत्महत्या कर ली.विभागाध्यक्ष पर ब्लैकमेलिंग का आरोपपीड़िता बालासोर के फकीर मोहन कॉलेज की 20 वर्षीय बी.एड. सेकेंड ईयर की छात्रा थी. 12 जुलाई को कॉलेज गेट के बाहर एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान उसने खुद को आग लगा ली और उसकी मौत हो गई. यह विरोध प्रदर्शन 1 जुलाई से चल रहा था, जिसमें शिक्षा विभाग के प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी. दोस्त कोशिश दास ने भी बताया कि विभागाध्यक्ष पिछले छह महीने से उसे ब्लैकमेल कर रहे थे.'HoD ने बात नहीं मानने पर दी फेल करने की धमकी'कोशिश दास ने कहा, "यह सब उसके साथ छह महीने से चल रहा था. 30 जून को उसने (पीड़िता) मुझे बताया कि विभागाध्यक्ष इस हद तक गिर गए हैं कि फेल करने की धमकी दे रहे हैं. विभागाध्यक्ष ने पड़िता से कहा कि मैं तुम्हें छह साल तक इसी क्लास में रखूंगा. जब तक मैं यहां हूं, तुम इस कॉलेज से नहीं जा पाओगी. उसके बैकलॉग जानबूझकर पूरे नहीं किए जा रहे थे. उसने हमसे कहा कि उसे प्रिंसिपल से इस बारे में बात करने के लिए मदद चाहिए. हमने प्रिंसिपल को एक आवेदन दिया और तुरंत कार्रवाई की मांग की."पीड़िता की दोस्त ने बताया सुसाइड से पहले क्या हुआ?12 जुलाई की घटना का जिक्र करते कोशिख दास ने कहा, "वह प्रिंसिपल से बात करना चाहती थी. वह प्रिंसिपल के चैंबर के बाहर इंतजार करती रही, क्योंकि वहां काफी भीड़ थी. हमने वहां दो घंटे इंतजार किया, लेकिन फिर हमने उससे कहा कि चलो दोपहर का खाना खा लेते हैं, उसके बाद प्रिंसिपल से बात करेंगे, लेकिन हमारे वापस आने से पहले ही हमें बताया गया कि उसने खुद को आग लगा ली है. जब तक हम वापस पहुंचे तो कॉलेज को सील कर दिया गया था और मैं यह भी नहीं देख पा रही थी कि उसकी हालत क्या है. प्रिंसिपल या किसी अधिकारी ने उसे जरूर उकसाया होगा."