पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत और उनके परिवार पर ED की बड़ी कार्रवाई, जमीन घोटाले में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल

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उत्तराखंड सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, उनकी पत्नी दीप्ति रावत और उनके करीबियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ED ने जमीन घोटाले के एक बड़े मामले में देहरादून की PMLA कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. ये चार्जशीट हरक सिंह रावत, दीप्ति रावत, उनके सहयोगी बीरेंद्र सिंह कंडारी, लक्ष्मी राणा और पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के खिलाफ दाखिल की गई है.ये मामला देहरादून के सहसपुर इलाके में जमीन की धोखाधड़ी से जुड़ा है. ED ने इस मामले में एक FIR के आधार पर जांच शुरू की थी. जांच के दौरान सामने आया कि बीरेंद्र सिंह कंडारी ने हरक सिंह रावत, दीप्ति रावत, लक्ष्मी राणा और स्वर्गीय सुशीला रानी के साथ मिलकर जमीन हड़पने की साजिश रची थी.जमीन की अवैध रजिस्ट्रीED का कहना है कि कोर्ट के साफ आदेश होने के बावजूद सुशीला रानी ने दो पावर ऑफ अटॉर्नी रजिस्टर्ड करवाईं, जिनके जरिए जमीन की अवैध रजिस्ट्री कराई गई. बाद में ये जमीन बीरेंद्र सिंह कंडारी ने बेहद कम कीमत पर दीप्ति रावत और लक्ष्मी राणा को बेच दी, जो उस वक्त के सरकारी रेट से भी काफी कम थी.सबसे अहम बात ये है कि दीप्ति रावत के नाम पर खरीदी गई ये जमीन अब दून इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस का हिस्सा है, जो पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के तहत चलता है. ये ट्रस्ट हरक सिंह रावत और उनके परिवार के नियंत्रण में है.101 बीघा जमीन किया जब्तइससे पहले जनवरी 2025 में ED ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 101 बीघा जमीन अटैच की थी. इस जमीन की सरकारी कीमत लगभग 6.56 करोड़ रुपये बताई गई थी, जबकि इसका मार्किट वैल्यू 70 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है. ये जमीनें देहरादून जिले की दो जगहों पर है. इस मामले ईडी की जांच अभी जारी है और आगे और भी लोगों की भूमिका सामने आ सकती है. ये भी पढ़ें:- एअर इंडिया विमान हादसे के पीड़ितों के लिए टाटा समूह ने बनाया 500 करोड़ रुपये का ट्रस्ट