अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिन के गहन वैज्ञानिक प्रयोगों के बाद शुभांशु शुक्ला की पृथ्वी पर सकुशल वापसी हो गई, जिसके लिए लखनऊ में उनके पिता अपने परिवार समेत लगातार पूजा अर्चना करते रहे हैं. शुक्ला की वापसी मंगलवार (15 जुलाई, 2025) को हो गई.इसके पहले परिजनों ने हवन-पूजन और रुद्राभिषेक कर शुभांशु के बिना किसी परेशानी के पृथ्वी पर वापस लौटने की प्रार्थना की. राजधानी के त्रिवेणी नगर इलाके में स्थित शुभांशु के पैतृक घर को रोशनी से सजाया गया है और घर के बाहर उनके उपनाम 'शक्स' के पोस्टर लगे हैं. घर में शुभांशु के आने पर जश्न की तैयारी हो रही है.परिवार के लिए खुशी का पलउनकी मां आशा शुक्ला और बहन सुचि शुक्ला शुभांशु की अंतरिक्ष यात्रा पर बधाई देने वाले फोन कॉल्स का लगातार जवाब दे रही हैं. मंगलवार को 'पीटीआई' से बात करते हुए शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा, 'आज हमारे लिए बहुत खुशी का दिन है. हम ईश्वर से उसकी सुरक्षित 'लैंडिंग' के लिए प्रार्थना करते रहे हैं. यह बहुत खुशी की बात है कि वह अपना मिशन सफलतापूर्वक पूरा करके वापस लौटा है.'उन्होंने परिवार की गहरी सम्मान और संतुष्टि की भावना व्यक्त करते हुए कहा, 'यह हमारे और देश के लिए बेहद गर्व का क्षण है कि उसने इतना महत्वपूर्ण मिशन पूरा किया है. अब हम अपने परिवार, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों के साथ यहां उत्सव मनाएंगे.'इस साल 40 के हो जाएंगे शुभांशुशुभांशु की पत्नी कामना अभी लखनऊ में नहीं हैं. उनके बारे में शंभू दयाल ने कहा, 'अभी कामना फ्लोरिडा में है. दोनों लखनऊ में एक साथ पढ़ते थे और परिवार की सहमति से दोनों का विवाह हुआ. उनका छह साल का बेटा कियाश है.'शुभांशु इस अक्टूबर में 40 साल के हो जाएंगे. उनकी बहन, सुचि ने बताया कि शुभांशु अपने साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 'गाजर का हलवा और मूंग दाल का हलवा' जैसी भारतीय मिठाइयां ले गए थे, क्योंकि उन्हें ये बहुत पसंद है. सुचि ने कहा कि वह चाहते थे कि उनकी अंतरिक्ष यात्रा पर उनके सह-यात्री भी इसका स्वाद चखें.वीडियो और पोस्ट के जरिए मिली जानकारीउन्होंने कहा, 'वीडियो और पोस्ट के जरिए हमें जो कुछ भी पता चला है, उससे लगता है कि उन सभी को यह बहुत पसंद आया.' शुक्ला ड्रैगन 'ग्रेस' अंतरिक्ष यान से लौटे हैं, जो सोमवार (14 जुलाई, 2025) को शाम 4:45 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से अलग हुआ. उनके साथ मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू भी हैं. ये सभी 'एक्सिओम-4' मिशन का हिस्सा हैं.राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री के रूप में शुक्ला ने इतिहास रच दिया, जिससे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती उपस्थिति में एक और उपलब्धि जुड़ गयी.ये भी पढ़ें:- सेना के अपमान मामले में राहुल गांधी ने किया सरेंडर, 1 घंटे तक कोर्ट में रहे, फिर मिली जमानत