पीएम और आरएसएस नेताओं के अभद्र कार्टून बनाने वाले को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, गिरफ्तारी से दी अंतरिम राहत

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पीएम मोदी और आरएसएस नेताओं के अभद्र कार्टून बनाने और भगवान शिव के बारे में अनुचित टिप्पणी करने के आरोपी कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी है. 15 अगस्त के बाद मामले की अगली सुनवाई होगी.सुनवाई के दौरान जस्टिस सुधांशु धुलिया और अरविंद कुमार की बेंच ने मालवीय के सोशल मीडिया पोस्ट की आलोचना की. जस्टिस धुलिया ने कहा, "आज कल लोग किसी को कुछ भी बोल देते हैं. याचिकाकर्ता के कुछ सोशल मीडिया पोस्ट निहायत आपत्तिजनक हैं. उनमें स्पष्ट रूप से आपराधिक मामला बन सकता है."हेमंत मालवीय के लिए पेश वकील वृंदा ग्रोवर ने सोमवार को विवादित पोस्ट डिलीट करने की बात कही थी. उन्होंने मंगलवार को इसे दोहराया, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार के लिए पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने कहा कि इससे अपराध खत्म नहीं होगा. मालवीय ने लगातार अभद्र पोस्ट किए हैं. इनमें से कुछ न्यायपालिका के बारे में भी हैं.नटराज ने जजों को सुप्रीम कोर्ट के बारे में हेमंत मालवीय का एक विवादित कार्टून दिखाया. इसके बाद कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार और मामले के शिकायतकर्ता को अनुमति दी कि वह मालवीय के दूसरे विवादित पोस्ट भी कोर्ट के रिकॉर्ड रख सकते हैं. वृंदा ग्रोवर ने दूसरी सामग्री कोर्ट में रखे जाने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि मालवीय के 2021 के एक कार्टून को किसी ने अभद्र टिप्पणी के साथ दोबारा पोस्ट कर दिया था. मालवीय माफी मांगने को तैयार हैं. बात को बेवजह बढ़ाया जा रहा है. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार और शिकायतकर्ता जो भी सामग्री कोर्ट में रखेंगे, उसकी कॉपी मालवीय को भी दी जाएगी ताकि वह अपना पक्ष रख सकें.हेमंत मालवीय के खिलाफ इंदौर के RSS कार्यकर्ता और वकील विनय जोशी ने लसूड़िया पुलिस थाने में इस साल मई में एफआईआर दर्ज करवाई थी.एफआईआर में कहा गया था कि हेमंत ने आपत्तिजनक सामग्री डालकर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की है. 8 जुलाई को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया था.