'बिहार बना क्राइम कैपिटल ऑफ इंडिया, नीतीश कुर्सी बचा रहे हैं', राहुल गांधी का BJP पर हमला

Wait 5 sec.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिहार में अपराध की कई हालिया घटनाओं को लेकर सोमवार (14 जुलाई, 2025) को आरोप लगाया कि यह प्रदेश ‘‘क्राइम कैपिटल ऑफ इंडिया’’ बन गया है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी कुर्सी बचा रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कोटे के मंत्री ‘कमीशन’ कमा रहे हैं.लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस बार सिर्फ सरकार बदलने का नहीं, बिहार बचाने का चुनाव है. उन्होंने एक खबर का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि बिहार में 11 दिनों में 31 हत्याएं हुई हैं. कांग्रेस नेता ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘बिहार बना ‘क्राइम कैपिटल ऑफ इंडिया’, हर गली में डर, हर घर में बेचैनी. बेरोजगार युवाओं को हत्यारा बना रहा है गुंडाराज.’बिहार सीएम और भाजपा पर लगाया आरोपराहुल गांधी ने आरोप लगाया, ‘मुख्यमंत्री कुर्सी बचा रहे हैं, भाजपा के मंत्री कमीशन कमा रहे हैं.’ उन्होंने पुरजोर शब्दों में कहा, ‘मैं फिर दोहरा रहा हूं कि इस बार वोट सिर्फ सरकार बदलने का नहीं, बिहार को बचाने का है.’बिहार में नरेंद्र मोदी और अमित शाह का चल रहा शासनवहीं बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर शनिवार (12 जुलाई,2025) को कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में प्रशासन को नियंत्रित नहीं करते. यहां नरेंद्र मोदी और अमित शाह का शासन चलता है. इसलिए, बिहार को भारत की अपराध राजधानी बनाने के लिए इन दोनों लोगों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.चुनाव से पहले बढ़ रहे अपराध के मामलेव्यापारियों, राजनेताओं, वकीलों, शिक्षकों और आम नागरिकों को निशाना बनाकर एक के बाद एक अंजाम दी जा रही हत्या की घटनाओं ने बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं. पुलिस ने इन घटनाओं के लिए अवैध हथियारों और गोला बारूद की व्यापक उपलब्धता को जिम्मेदार ठहराया है.पिछले 10 दिन में, व्यवसायी गोपाल खेमका, भाजपा नेता सुरेंद्र कुमार, 60 वर्षीय एक महिला, एक दुकानदार, एक वकील और एक शिक्षक सहित कई लोगों की हत्याओं ने चुनाव से पहले बिहार को दहला दिया है. जनवरी से जून तक ये हैं अपराध के आंकड़ेराज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, राज्य में जनवरी से जून के बीच हर महीने औसतन 229 हत्याओं के साथ 1,376 हत्या के मामले दर्ज किए गए, जबकि 2024 में यह संख्या 2,786 और 2023 में 2,863 थी.ये भी पढ़ें:- केंद्र ने बताया : नर्स निमिषा की फांसी रोकने पर यमन ने नहीं दिया ठोस आश्वासन, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाली