भारत के अंतरिक्ष मिशन में एक और एतिहासिक पल सामने आने वाला है, जब भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 18 दिन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर बिताने के बाद अब धरती पर वापस लौटने वाले हैं. एक्सिओम-4 मिशन के जरिए उनकी वापसी शुरू हो गई है. भारत के अलावा यह मिशन पोलैंड और हंगरी के लिए भी महत्वपूर्णं है, क्योंकि इन देशों ने चार दशक के बाद अंतरिक्ष में हिस्सा लिया था. वे चारों स्पेसक्राफ्ट के जरिए 22.5 घंटे की लंबी यात्रा के बाद मंगलवार को दोपहल 3.01 बजे IST पर कैलिफोर्निया के तट पर समुद्र में स्प्लैशडाउन होंगे. चलिए जान लेते हैं वे धरती पर आने के बाद कौन-कौन सी चीजें भूल चुके होंगे. क्या-क्या भूल जाएंगे शुभांशु शुक्लाअंतरिक्ष को रहस्यमयी दुनिया माना जाता है. वहां पर वैज्ञानिक नई-नई चीजों के बारे में जानकारी के लिए जाते रहते हैं और अंतरिक्ष के बारे में जानकारी जुटाते रहते हैं. हालांकि अगर अंतरिक्ष यात्री स्पेस में लंबे वक्त तक रहते हैं, तो उनको कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अंतरिक्ष में तो जीरो ग्रैविटी होती है, लेकिन जब वे धरती पर वापस लौटते हैं, तो उनको धरती और गुरुत्वाकर्षण के साथ तालमेल बैठाना पड़ता है. ऐसे में अंतरिक्ष यात्रियों को सोने, चलने-फिरने, उठने-बैठने, खाने-पीने की आदतें, संतुलन खो देना, चीजें गिरा देने जैसी मामूली गलतियां करने लग जाते हैं. कौन की छोटी गलतियां करेंगेअंतरिक्ष यात्रियों की मानें तो अंतरिक्ष से वापस आने के बाद वे मामूली गलतियां करने लग जाते हैं. जैसे कि एस्ट्रोनॉट्स चीजों को अंतरिक्ष में हवा में छोड़ देने की आदत डाल लेते हैं. धरती पर लौटने के बाद वे गलती से हाथ से कप छोड़ना, या फिर पेन छोड़ देते हैं. इसके अलावा उनको चलने में दिक्कत हो सकती है और वे ठोकर लगकर गिर सकते हैं. अंतरिक्ष में हर चीज वजनहीन होती है, ऐसे में उनके चीजों के उठाने का तरीका बदल जाता है. अंतरिक्ष में खाना विशेष तकनीक के जरिए खाना पड़ता है, इसलिए जब वे लौटते हैं तो दोबारा से खाने के लिए उनको दिक्कत होती है. एस्ट्रोनॉट्स को धरती पर सामान्य होने में वक्त लगता है, ऐसे में वे अक्सर थका हुआ और भ्रमित सा महसूस करते हैं. ऐसी परिस्थितियों में अजीब आवाजें सुनाई देना या अजीब आकृतियों का दिखना शामिल होता है. यह भी पढ़ें: समंदर का पानी लगातार क्यों हो रहा है नमकीन, डराने वाली है वैज्ञानिकों की यह चेतावनी