ED ने हाल ही में एनसीपी शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल की है. यह मामला महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक (MSCB) से जुड़े 25,000 करोड़ रुपये के घोटाले से संबंधित है. हालांकि मुंबई पुलिस की EOW ने इस मामले में दूसरी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसे ईडी ने इंटरवेंशन एप्लिकेशन के जरिए कोर्ट में चुनौती दी है. 2023 में ईडी ने जारांदेश्वर शुगर मिल्स को लेकर एक चार्जशीट दायर की थी, जिसमें अजित पवार का संबंध बताया गया था, लेकिन उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया. ईडी ने अब रोहित की तरफ से बारामती एग्रो लिमिटेड के माध्यम से कन्नड़ सहकारी चीनी कारखाने की खरीद पर चार्जशीट दाखिल की है. बयान रिकॉर्ड कर कारखाने की संपत्तियों को किया अटैचपिछले साल ईडी ने रोहित का बयान रिकॉर्ड किया था और कारखाने की संपत्तियों को अटैच किया था. इन संपत्तियों में 161.3 एकड़ जमीन, प्लांट, मशीनरी और शुगर यूनिट की बिल्डिंग शामिल है. ईडी की जांच EOW की एफआईआर पर आधारित है, जिसमें आरोप था कि MSCB के बोर्ड सदस्यों की ओर से कई शुगर मिल्स को बेचे जाने में अनियमितता बरती गई और इन्हें बहुत कम दामों पर रिश्तेदारों व निजी लोगों को नीलामी के नाम पर सौंपा गया.क्या है ये पूरा मामला?मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने IPC और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तरह अगस्त 2019 में एफआईआर दर्ज किया था, जिसके मुताबिक, आरोप था कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (MSCB) के अधिकारियों और डॉयरेक्टर्स ने स्टैंडर्ड प्रक्रिया का पालन नहीं किया.साथ ही कई चीनी मिलों को अपने रिश्तेदारों और निजी संस्थानों को मनमानी दाम पर धोखाधड़ी कर बेच दिया. इसमें उन्होंने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक ने 80.56 करोड़ रुपये के बकाया ऋण की वसूली की.बैंच नीलामी में हुई हेराफेरीबैंक ने कथित तौर संदिग्ध वैल्यूएशन के आधार पर नीलामी आयोजित की. ईडी का दावा है कि नीलामी में हेराफेरी की गई थी. सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को अयोग्य घोषित कर दिया गया. बारामती एग्रो के एक करीबी सहयोगी को दौड़ में बने रहने की अनुमति दे दी, जिसके पास कोई अनुभव या वित्तीय ताकत नहीं थी.ये भी पढ़ें:- आखिरी 3 सेकंड में कैसे 'RUN' से 'CUTOFF' हो गया फ्यूल कंट्रोल स्विच? जानें Air India प्लेन क्रैश के आखिरी पलों की कहानी