NCERT ने लॉन्च की कक्षा 8 की नई संस्कृत किताब ‘दीपकम्’, अब पढ़ाई होगी तर्क और समझ के साथ

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एनसीईआरटी (NCERT) ने कक्षा 8 के छात्रों के लिए एक नई संस्कृत पाठ्यपुस्तक ‘दीपकम्’ जारी की है, जो नई शिक्षा नीति (NEP 2020) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF 2023) के अनुसार तैयार की गई है. इस किताब का मकसद सिर्फ संस्कृत भाषा सिखाना नहीं, बल्कि बच्चों में तार्किक सोच, रचनात्मकता और मानव मूल्य विकसित करना भी है.इस किताब की सबसे खास बात है कि इसमें पढ़ाई को बोझ नहीं, बल्कि अनुभव आधारित बना दिया गया है. इसमें बच्चों को प्रोजेक्ट्स के ज़रिए विषय समझाए जाएंगे, जिससे वे विषयों को सिर्फ याद नहीं करेंगे, बल्कि उसे करके सीखेंगे.तर्क और सोच को मिलेगी दिशा‘दीपकम्’ में संस्कृत भाषा को इस तरह से पेश किया गया है, जिससे बच्चों की तर्कशक्ति और विश्लेषण क्षमता का विकास हो. इसमें पुराने धार्मिक या साहित्यिक ग्रंथों के उदाहरणों के साथ-साथ डिजिटल इंडिया, स्वास्थ्य, पर्यावरण और सामाजिक जीवन जैसे आधुनिक विषय भी जोड़े गए हैं. इसका उद्देश्य यह है कि छात्र सिर्फ संस्कृत के नियमों को ही न समझें, बल्कि समाज से भी जुड़ सकें.चित्रों और कहानियों से सजे पाठनई किताब में चित्र आधारित शिक्षण, संवाद, कविताएं और कहानियां शामिल हैं. यह सब कुछ रंगीन पन्नों और आकर्षक डिजाइन में है, जिससे बच्चों को किताब बोझिल न लगे. साथ ही कठिन व्याकरण को भी आसान भाषा और अभ्यास से समझाया गया है.NCERT प्रस्तुत: “दीपकम् – कक्षा ̊8̊ संस्कृत पाठ्यपुस्तक”अब NEP 2020 और NCF SE 2023 के अनुरूप आधारित है।*वेब पोर्टल पर डाउनलोड करें: https://t.co/iHBg0kcE3p🔑 खास विशेषताएँ:• सोच समूह व परियोजनात्मक कार्य – तार्किक एवं रचनात्मक विचारों को प्रोत्साहित।• रंगीन लेखन… pic.twitter.com/Kzb7DlRI96— NCERT (@ncert) July 18, 2025मूल्यों और संस्कृति से जुड़ावपुस्तक में सिर्फ पढ़ाई नहीं, बल्कि जीवन से जुड़े मूल्य, जैसे - ईमानदारी, सहयोग, पर्यावरण प्रेम, आत्मनिर्भरता आदि को भी संस्कृत में सरल उदाहरणों के माध्यम से समझाया गया है. बच्चों को देवनागरी लिपि और भारतीय संस्कृति की जानकारी भी सहज रूप में दी गई है.ये भी पढ़ें: दिल्ली यूनिवर्सिटी में कब जारी होगी CSAS की पहली अलॉटमेंट लिस्ट? रैंकिंग से लेकर ट्रायल्स तक जानें हर बातशिक्षक और माता-पिता के लिए भी सहायकइस नई पुस्तक को इस तरह डिजाइन किया गया है कि शिक्षक बिना किसी अतिरिक्त तैयारी के इसे कक्षा में पढ़ा सकें. साथ ही माता-पिता भी बच्चों की मदद कर सकें, क्योंकि भाषा सरल और विषय जीवन से जुड़े हुए हैं.ये भी पढ़ें: Du Admission 2025: दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए आए रिकॉर्ड आवेदन, टूटा 2023 का रिकॉर्ड