संयुक्त राष्ट्र ने गाजा सिटी और उसके आसपास के इलाकों में आधिकारिक तौर पर अकाल घोषित कर दिया है. यह पहली बार है जब वेस्ट एशिया में किसी जगह को अकाल ग्रस्त बताया गया है. इंटीग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेस क्लासिफिकेशन की रिपोर्ट कहती है कि यहां हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि करीब 5 लाख लोग विनाशकारी भूख और मौत के खतरे का सामना कर रहे हैं. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताएंगे कि भुखमरी से अकाल आखिर कितनी मौत हो जाए तब घोषित हो जाता है.कब घोषित होता है अकालसंयुक्त राष्ट्र अकाल शब्द का इस्तेमाल हल्के में नहीं करता इस घोषित करने के लिए तीन शर्ते पूरी होना जरूरी है. जिसमें पहली शर्त किसी जगह की कम से कम 20% आबादी के पास पर्याप्त भोजन न हो.वहीं दूसरी शर्त होती है कि हर 10,000 लोगों में रोजाना दो लोग भूख से मर रहे हो तभी अकाल घोषित होता है.इसके अलावा तीसरी शर्त यह होती है उस जगह 30 से प्रतिशत से ज्यादा बच्चे कुपोषित हो.जब यह तीनों शर्तें पूरी हो जाती है तब यह मान लिया जाता है कि भुखमरी अब संकट से आगे बढ़कर व्यापक मौतों की स्थिति तक पहुंच चुकी है. वहीं ऐसे हालातो में ही किसी भी जगह अकाल घोषित किया जाता है. गाजा की भयावह तस्वीर यूएन की रिपोर्ट के अनुसार गाजा गवर्नरेट जो पूरी स्ट्रिप पर लगभग 20% हिस्सा है, पहले से ही आईपीसी फेस 5 यानी फैमिने कंफर्म्ड लेवल पर पहुंच चुका है. यहां आधे मिलियन से ज्यादा लोग भोजन दवाइयाें और पीने के पानी से वंचित है. गाजा का 98% कृषि क्षेत्र या तो पूरी तरह नष्ट हो चुका है या पहुंच से बाहर है. इसके अलावा लाइवस्टॉक खत्म हो चुका है और फिशिंग पर बैन है. मार्च 2025 में इजरायल ने गाजा में फूड सप्लाई पूरी तरह रोक दी थी. मई में थोड़ी राहत मिली लेकिन तब तक हालत बहुत बिगड़ चुके थे. यूएन की चेतावनी यूएन ने कहा है कि अगर तुरंत युद्ध विराम नहीं हुआ और गाजा तक मानवीय मदद नहीं पहुंचाई गई तो आने वाले हफ्तों में भूख से मरने वालों की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी. यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इसे मानवता की असफलता और और पूरी तरह मैन- मेड डिजास्टर करार दिया है. इजरायल का इनकार हालांकि इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. इजराइल के विदेश मंत्रालय का कहना है कि गाज़ा में कोई अकाल नहीं है. वहां हाल के हफ्तों में बड़ी मात्रा में सहायता पहुंची है और खाद्य वस्तुओं के दाम गिरे हैं. इजरायल का दावा है कि यह रिपोर्ट राजनीतिक दबाव में तैयार किया गया दस्तावेज है.ये भी पढ़ें- गाजा को बर्बाद कर रहे नेतन्याहू! मुस्लिम देश मिलकर इजरायल पर हमला क्यों नहीं कर देते, क्या है डर?