NASA तो दुनिया की सबसे ताकतवर स्पेस एजेंसी, लेकिन इसके बाद किसका आता है नंबर? जानें उसके बारे में सबकुछ

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अंतरिक्ष की दुनिया हमेशा से इंसानों को आकर्षित करती रही है. चांद पर पहला कदम रखने से लेकर मंगल पर रोवर उतारने तक दुनिया की कई स्पेस एजेंसियों ने अपनी क्षमता का लोहा मनवाया है. आज लगभग 195 देशों में से स‍िर्फ 77 देश के पास स्पेस एजेंसियां है और इनमें से महज 16 के पास ही रॉकेट लॉन्च करने की क्षमता है. ‌इनमें भी दुन‍िया की सबसे ताकतवर स्‍पेस एजेंसी नासा है, लेकिन क्‍या आप जानते हैं क‍ि नासा के बाद दुनिया की सबसे ताकतवर एजेंसी कौन सी है? चल‍िए आज हम आपको बताएंगे क‍ि NASA तो दुनिया की सबसे ताकतवर स्पेस एजेंसी है लेकिन इसके बाद किसका नंबर आता है? नासा-अमेरिका दुनिया की सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली स्पेस एजेंसी नासा है. 1958 में स्थापित हुई यह एजेंसी इंसान को चांद पर भेजने से लेकर मंगल ग्रह पर रोवर्स उतारने और हर्बल टेलीस्कोप लॉन्च करने तक अनगिनत उपलब्धियां हासिल कर चुकी है. हाल ही में इसके आर्टेमिस मिशन और जेम्‍स वेब टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष की खोज के नए आयाम खोले हैं. ये है दुन‍िया की दूसरी सबसे ताकतवर स्‍पेस एजेंसीनासा के बाद अगर दुनिया की दूसरी सबसे ताकतवर एजेंसी का नाम लिया जाए तो वह यूरोपियन स्पेस एजेंसी है. 1975 में बनी ईएसए किसी एक देश की एजेंसी नहीं है बल्कि यह 22 यूरोपीय देशों का गठजोड़ है. यही वजह है कि इसके पास संसाधनों, वैज्ञानिक दिमागों और टेक्नोलॉजी का विशाल भंडार मौजूद है. ईएसए ने ऐसे कई मिशन किए हैं जिन्होंने दुनिया को चौंकाया है. रोसेटा मिशन ने जब एक धूमकेतु पर लैंडर उतरा था तो यह कारनामा इतिहास में दर्ज हो गया. इसी तरह गैलीलियो नेविगेशन सिस्टम ने यूरोप को अमेरिका के जीपीएस का विकल्प दिया. इसके अलावा ईएसए लगातार नासा के साथ बड़ी साझेदारियां करता रहा है जैसे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में योगदान.तीसरे नंबर पर चाइना 1993 में शुरू हुई चीन की सीएनएसए ने बहुत तेजी से तरक्की की है. चांग ई चंद्र मिशन, तियानगोंग स्‍पेस स्‍टेशन और मंगल पर सफलतापूर्वक रोवर उतारने वाले दूसरे देश का दर्जा सीएनएसए  को वैश्विक स्तर पर महाशक्ति बनाता है. चौथे नंबर पर रोस्कोस्मोस सोवियत संघ की विरासत को आगे बढ़ा रही रूस की एजेंसी ने ही दुनिया का पहला उपग्रह स्पूतनिक और पहले इंसान यूरी गागरिन को अंतरिक्ष में भेजा था. आज भी आईएसएस तक यात्रियों को ले जाने में रोस्कोस्‍मोस की बड़ी भूमिका है. इसरो भी शामिल है लिस्ट में भारत की स्पेस एजेंसी इसरो 1969 से लगातार इतिहास रच रहा है. बहुत कम बजट में बड़े मिशन पूरे करना इसरो की खासियत है. मंगलयान मिशन ने दुनिया को चौंका दिया था. वहीं चंद्रयान 3 ने भारत को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना दिया. इसरो का आने वाले गगनयान मिशन भारत को अंतरिक्ष में इंसान भेजने वाले देशों की लिस्ट में भी शामिल करेगा. जापान की एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी छोटे लेकिन सटीक मिशन के लिए के जेएएक्‍सए दुनिया भर में मशहूर है. इसका हायाबूसा मिशन क्षुद्रग्रह से सैंपल लाने के लिए जाना जाता है. कैनेडियन स्पेस एजेंसी भले ही इसका आकार छोटा हो, लेकिन कनाडआर्म जैसी रोबोटिक टेक्नोलॉजी से इसने आईएसएस में बड़ी भूमिका निभाई है. स्पेस एजेंसियों की इस रैंकिंग में नासा तो सबसे ऊपर है ही लेकिन भारत का इसरो भी अब दुनिया की टॉप फाइव स्पेस एजेंसी में शामिल है और अपनी किफायती लेकिन शानदार उपलब्धियां से पूरी दुनिया का ध्यान खींच रहा है. वहीं पाकिस्तान जैस कई देश अब तक कोई खास उपलब्धि नहीं दिखा पाए हैं .ये भी पढ़ें-गणेश चतुर्थी 2025: जान‍िए मोदक की शुरुआत की दिलचस्प कहानी और क्यों बना यह गणपति का प्रिय भोग