जरूरत की खबर- पैंट की पिछली जेब में न रखें:कमर व पीठ दर्द के साथ बढ़ता साइटिका का रिस्क, सुनें डॉक्टर की 6 जरूरी सलाह

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आपने अक्सर ये देखा होगा कि कुछ लोगों को पैंट के पीछे वाली जेब में वॉलेट रखने की आदत होती है। लेकिन क्या कभी सोचा है कि यह छोटी सी आदत धीरे-धीरे हमारी रीढ़ की हड्डी और पेल्विस के संतुलन को बिगाड़ सकती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, जो लोग पिछली जेब में वॉलेट रखकर बैठते हैं, उनके शरीर का संतुलन धीरे-धीरे बिगड़ने लगता है। इससे पेल्विस एक तरफ झुक जाता है, रीढ़ की हड्डी में टेढ़ापन आ सकता है। लंबे समय तक ऐसा करने से पीठ व कमर में दर्द और साइटिका का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि अपनी आदतों में कुछ बदलाव करके इस खतरे से बचा जा सकता है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में हम पैंट की पिछली जेब में वॉलेट रखने के नुकसानों के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. मिहिर थानवी, कंसल्टेंट, ऑर्थोपेडिक, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, जयपुर सवाल- पैंट की पिछली जेब में वॉलेट रखने से शरीर के संतुलन पर कैसा असर पड़ता है? जवाब- पैंट की पिछली जेब में वॉलेट रखने से शरीर का एक हिस्सा खासकर एक कूल्हा थोड़ा ऊपर उठ जाता है। इससे बैठने की पोजिशन में असमानता हो जाती है और रीढ़ की हड्डी एक ओर झुकने लगती है। यह हल्का-सा झुकाव भी लंबे समय में रीढ़ की नेचुरल स्ट्रक्चर को बिगाड़ सकता है। इस स्थिति में शरीर का भार बराबर नहीं बंटता है, जिससे कूल्हों, कमर और रीढ़ पर असंतुलित दबाव पड़ता है। नतीजतन शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे लगातार पीठ दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव और नसों के दबने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। समय के साथ यह असंतुलन चलने-फिरने, खड़े होने और यहां तक कि बैठने की सामान्य पोश्चर पर भी असर डाल सकता है। वॉलेट जितना मोटा होगा, समस्या उतनी गंभीर हो सकती है। इसीलिए मेडिसिन की भाषा में इस समस्या को ‘फैट वॉलेट सिंड्रोम’ कहा जाता है। सवाल- पैंट की पिछली जेब में वॉलेट रखकर बैठने से किस तरह की समस्याएं हो सकती हैं? जवाब- पिछली जेब में वॉलेट रखकर बैठने की आदत भले ही समान्य लगती है। लेकिन यह रीढ़ से लेकर पैरों तक कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकती है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- पिछली जेब में वॉलेट रखने की आदत किन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है? जवाब- कुछ लोग कई सालों से पिछली जेब में वॉलेट रखते आ रहे हैं और उन्हें कोई दर्द महसूस नहीं होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह आदत नुकसानदायक नहीं है। भले ही अभी कोई परेशानी न हो, लेकिन ये आदत भविष्य में गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। हालांकि कुछ लोगों को इसका रिस्क ज्यादा होता है। जैसेकि- इसलिए बेहतर यही है कि इस आदत को आज ही बदल दें और अपने भविष्य के स्वास्थ्य के लिए एक सही फैसला लें। सवाल- इस आदत से छुटकारा पाने के लिए कौन-से आसान उपाय अपनाए जा सकते हैं? जवाब- अगर आप भी पिछली जेब में वॉलेट रखने की आदत से परेशान हैं तो कुछ आसान उपाय अपनाकर इससे छुटकारा पा सकते हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- वॉलेट को पिछली जेब में रखने की बजाय कहां रखना सबसे बेहतर है? जवाब- इसका सबसे अच्छा विकल्प पैंट की सामने की जेब, शर्ट, जैकेट की अंदरूनी जेब या फिर बैग है। इससे शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। साथ ही वॉलेट गिरने या चोरी होने का खतरा भी कम रहता है। इसके अलावा कोशिश करें कि वॉलेट हल्का हो और उसमें सिर्फ जरूरी चीजें ही रखें, ताकि शरीर पर कोई अतिरिक्त भार न पड़े। सवाल- अगर पिछले जेब में वॉलेट रखने से कोई समस्या हो रही है तो क्या करें? जवाब- इसके लिए सबसे पहले पिछली जेब में वॉलेट रखना तुरंत बंद कर दें। उसके बाद शरीर का पोश्चर सुधारें और लंबे समय तक एक ही पोजिशन में बैठने से बचें। हल्की स्ट्रेचिंग या वॉक करें ताकि मांसपेशियों में खिंचाव कम हो। अगर दर्द बना रहे या बढ़ता जाए तो फिजियोथेरेपिस्ट या ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से सलाह लें। शुरुआती फेज में इलाज आसान होता है, इसलिए लापरवाही न करें। शरीर के संतुलन और रीढ़ की सेहत को नजरअंदाज करना आगे चलकर बड़ी समस्या बन सकता है। सवाल- वॉलेट में कौन-सी चीजें हमेशा रखनी चाहिए और कौन-सी नहीं? जवाब- अक्सर लोग वॉलेट में अनावश्यक सामान भर लेते हैं। इससे वॉलेट मोटा हो जाता है, जाे कि पैंट की पिछली जेब में अलग से दिखाई देता रहता है। इसलिए वॉलेट में सीमित चीजें ही रखनी चाहिए। जैसेकि- ये सामान न रखें ........................ जरूरत की ये खबर भी पढ़िए जरूरत की खबर- स्मार्टवॉच खरीदते समय न करें ये गलतियां: चेक करें EMF, जानें इसके साइड इफेक्ट्स, खरीदते समय ध्यान रखें 11 बातें स्मार्टवॉच से एक खास तरह का रेडिएशन रिलीज होता है, जिसे EMF (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड) कहते हैं। यह रेडिएशन हमारे सेहत के लिए हानिकारक होती है, जो लंबे समय में नुकसान पहुंचा सकती है। पूरी खबर पढ़िए...