मौलाना अरशद मदनी ने जमीयत की बैठक में RSS के प्रस्ताव की तारीफ की और मोहन भागवत से हुई मुलाकात को याद किया। उन्होंने सांप्रदायिकता, सरकारी नीतियों और NRC जैसे मुद्दों पर चिंता जताई।