सुनील गावस्कर ने कहा कि सहीं में मेरे पास कहने को शब्द नहीं हैं. क्योंकि मैं इस अनोखे सम्मान से अभिभूत हूं. ऐसा हर किसी के साथ नहीं होता कि म्यूजियम के ठीक बाहर एक प्रतिमा हो जहां इतनी अधिक भीड़ होगी.