सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया कि ऐसे दिशानिर्देश एनबीएसए के परामर्श से तैयार किए जाएंगे। सभी हितधारकों के सुझावों और विचारों को ध्यान में रखा जाएगा।