जब देश का कोई हाई प्रोफाइल आदमी जेल जाता है तो सवाल उठता है कि उसे किस तरीके से जेल में रखा गया है. उसे क्या आम कैदियों की रहना पड़ता होगा या कोई विशेष सुविधा उपलब्ध कराई जाती होगी. चलिए जानते हैं कि नेताओं और मंत्रियों के लिए जेल में क्या अलग सेल होती है? क्या इन्हें VIP सुविधा मिलती है.क्या सच में मिलती है VIP सुविधाभारत में जेल मैनुअल के अनुसार, कानूनी तौर पर सभी कैदी बराबर हैं. लेकिन जेल नियमावली में कुछ प्रावधान हैं, जिनके तहत उच्च सामाजिक-आर्थिक स्थिति वाले कैदियों को 'सुपीरियर क्लास' की सुविधाएं दी जा सकती हैं.क्या होती है सुपीरियर क्लासआमतौर पर जब कोई बड़ा उद्योगपति, पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री, राज्य विधायक के सदस्य, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष / उप-वक्ताओं, मौजूदा सांसद / विधायकों और न्यायिक मजिस्ट्रेट को चुना जाता है जेल जाता है तो उसकी सामाजिक स्थिति और आर्थिक प्रोफाइल के आधार पर वीआईपी स्थिति के लिए आवेदन का अधिकार है. इसे वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं बल्कि सुपीरियर क्लास की व्यवस्था कहा जाता है.कैसे होती है वीआईपी सेलआमतौर पर वीआईपी सेल का उद्देश्य अन्य कैदियों से वीआईपी अभियुक्तों की रक्षा करना और जेल के बाकी हिस्सों से अलग करना होता है. सरकार इन सेलों की अधिक सुरक्षा और बेहतर रख-रखाव पर खर्च करती है.क्या-क्या मिलती है सुविधासुपीरियर तहत सांसद, विधायक, पूर्व मंत्री या उच्च सामाजिक-आर्थिक स्थिति वाले लोग कुछ सुविधाएं मांग सकते हैं. इनमें अलग सेल, सोने के लिए लकड़ी का तख्त, दरी, कॉटन की चादर, मेज-कुर्सी, मच्छरदानी, अखबार और कभी-कभी घर का खाना शामिल हो सकता है. इसका मुख्य कारण उनकी सुरक्षा बताया जाता है, क्योंकि आम कैदियों के बीच उनकी जान को खतरा हो सकता है. इसके अलावा अगर वह किताबें पढ़ने की मांग करता है तो वो भी मुहैया कराई जाती है. उदाहरण के तौर पर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल में डायबिटीज के कारण शुगर-फ्री चाय, घर का खाना और दवाइयां दी गई थीं.इसे भी पढ़ें- आखिर पीला ही क्यों होता है जेसीबी के बुलडोजर का रंग, पहली बार इसे किस रंग में रंगा गया था?