दिल्ली के पूर्व मंत्री व आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता के घर ईडी की रेड के बाद पंजाब की सियासत भी गरमा गई है। एक तरफ पंजाब के मंत्री इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार को घेर रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पूरे देश में इस समय प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री को लेकर चर्चा है कि उनकी डिग्री फर्जी है। यह रेड उसी मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए की गई है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं पर किए गए सारे केस फर्जी हैं। सीएम भगवंत मान ने कहा, “आज सौरभ भारद्वाज के यहां रेड डाली गई, क्योंकि कल से पूरे देश में मोदी जी की डिग्री पर चर्चा है। ये रेड उसी चर्चा से ध्यान भटकाने के लिए है। सत्येंद्र जैन को भी तीन साल जेल में रखा गया और बाद में सीबीआई व ईडी ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट फाइल की। इससे साफ है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं पर किए गए सारे केस फर्जी और झूठे हैं।” जब सवाल उठते है तो ईडी भेज देते हैं AAP पंजाब के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हर बार जब मोदी पर सवाल उठते हैं, ईडी को हमारे नेताओं के पीछे भेज दिया जाता है। आज सौरभ भारद्वाज पर रेड डाली गई क्योंकि देश मोदी जी की फर्जी डिग्री पर चर्चा कर रहा है। मगर सच्चाई यह है कि जिस केस में रेड हुई, वह उस समय का है जब सौरभ मंत्री भी नहीं थे। यह पूरा मामला गढ़ा हुआ है, बिल्कुल सत्येंद्र जैन की तरह — जिन्हें तीन साल जेल में रखने के बाद एजेंसियों ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दे दी। यही सबूत है कि हमारे नेताओं पर सभी केस फर्जी हैं।” जिस केस में रेड, उस समय मंत्री नहीं थे पूर्व मंत्री और विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “दिल्ली में हमारे नेता सौरभ भारद्वाज के घर पर रेड की गई। यह रेड उस केस में हुई, जब वे मंत्री भी नहीं थे। उनका उस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। प्रधानमंत्री की फर्जी डिग्री की चर्चा पूरे देश में है। ऐसे में ध्यान बदलने के लिए सौरभ भारद्वाज के घर रेड की गई।” AAP के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने कहा, “सौरभ भारद्वाज पर ईडी की यह फर्जी छापेमारी क्यों हो रही है? इसलिए क्योंकि पूरे देश में यह चर्चा चल रही है कि प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री फर्जी है। उस मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए यह सब किया जा रहा है। जिस मामले में छापेमारी की गई, उस समय सौरभ मंत्री ही नहीं थे। जब वे मंत्री ही नहीं थे तो उनका नाम घोटाले में कैसे आ सकता है? यही सब सत्येंद्र जैन के साथ हुआ। तीन साल तक फर्जी केस में जेल में रखा गया और तीन साल बाद सीबीआई कोर्ट में जाकर कहा गया कि कोई सबूत नहीं है।