जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने अपने परीक्षा नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है. अब छात्रों को एंड-सेमेस्टर परीक्षा में बैठने से पहले इंटरनल परीक्षा पास करना जरूरी होगा. यानी अगर छात्र इंटरनल एग्जाम में पास नहीं होते, तो उन्हें फाइनल परीक्षा में शामिल होने की अनुमति ही नहीं मिलेगी.यह फैसला जामिया की एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने लिया है और इसे 2025-26 के शैक्षणिक सत्र से लागू किया जाएगा. काउंसिल के इस नए निर्णय ने हजारों छात्रों की तैयारी और पढ़ाई के तौर-तरीकों को सीधे प्रभावित किया है.जामिया ने अब से चार वर्षीय अंडरग्रेजुएट (UG) और पोस्टग्रेजुएट (PG) कोर्सेज में 40:40 मूल्यांकन प्रणाली अपनाने का निर्णय लिया है. इसके तहत, छात्रों को इंटरनल असेसमेंट में कम से कम 40% अंक और फाइनल परीक्षा में भी न्यूनतम 40% अंक हासिल करना जरूरी होगा. दोनों में पास होना अनिवार्य है.यह भी पढ़ें : 27 अगस्त को है गणेश चतुर्थी, जानें किस राज्य में रहेगी छुट्टी और कहां नहीं?पहले विश्वविद्यालय में अलग-अलग कोर्सेज के लिए अलग नियम लागू थे. साइंस कोर्सेज में 40:60 का फॉर्मूला लागू था. मानविकी और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में 25:75 का अनुपात था.लेकिन अब यह अंतर खत्म हो जाएगा और सभी कोर्सेज में एक समान नियम लागू होंगे.किन्हें मिलेगी छूट?हालांकि, सभी कोर्स इस नए नियम के दायरे में नहीं आएंगे. जामिया प्रशासन ने साफ किया है कि ऐसे कोर्स, जो AICTE, COA, DCI, NCTE और BCI जैसी नियामक संस्थाओं के अधीन आते हैं, उन्हें इस नए मूल्यांकन मॉडल से फिलहाल छूट दी जाएगी.थ्योरी परीक्षा का समय घटाइस बदलाव के साथ ही जामिया ने थ्योरी परीक्षा की अवधि भी कम कर दी है. अब तक थ्योरी परीक्षा तीन घंटे की हुआ करती थी, लेकिन अब इसे घटाकर दो घंटे का कर दिया गया है. विश्वविद्यालय का कहना है कि इससे परीक्षा प्रक्रिया अधिक प्रभावी और समयबद्ध हो जाएगी.लैब आधारित कोर्सेज के लिए अलग नियमजामिया की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, लैब बेस्ड कोर्सेज में 50:50 का मूल्यांकन मॉडल ही जारी रहेगा. हालांकि, यहां भी छात्रों को पास होने के लिए थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में न्यूनतम 40-40 फीसदी अंक लाने होंगे.यह भी पढ़ें: CISF की पहली पूर्ण महिला कमांडो यूनिट में कैसे मिलती है नौकरी? जान लें सैलरी से लेकर पोस्ट तक के बारे में सबकुछ