धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया, "पहली बार जब हम लंदन गए तो नौ घंटे की हवाई जहाज की यात्रा में पूरे संकोच में रहे कि कुछ उल्टा सीधा खा-पी ना लें, कहीं गड़बड़ ना हो जाए।"